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क्या है वाइब्रेंट गुजरात, फाइल के 'लोगो' से मिला नाम, क्यों मोदी के दिल के है इतना करीब?

Vibrant Gujarat Global Summit:  वाइब्रेंट गुजरात समिट का आगाज हो चुका है. पीएम मोदी इसमें शामिल होने अहमदाबाद पहुंच चुके हैं. समिट का मकसद गुजरात में निवेशकों को आकर्षित करना है, लेकिन ये समिट पीएम मोदी के दिल के काफी करीब है. पीएम मोदी इससे इमोशनली कनेक्ट हैं. इसके नाम से लेकर इसकी शुरुआत के पीछे पीएम मोदी का दिमाग है.  
 

Vibrant Gujarat Global Summit
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Bavita Jha |Updated: Jan 09, 2024, 02:25 PM IST

Vibrant Gujarat Global Summit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल शिखर सम्मेलन-2024 (Vibrant Gujarat Global Summit) में शामिल होने के लिए अहमदाबाद पर पहुंच चुके हैं. पीएम मोदी अगले दो दिनों तक गुजरात में रहेंगे. गुजरात पहुंचे पीएम मोदी वाइब्रेंट गुजरात समिट का उद्घाटन करेंगे और वैश्विक नेताओं, शीर्ष कंपनियों के सीईओ से मुलाकात करेंगे. वाइब्रेंट गुजरात समिट पीएम मोदी के दिल के काफी करीब है. इसकी शुरुआत से लेकर इसका नाम तक पीएम मोदी ने खुद तय किया है. गुजरात में निवेश बढ़ाने के मकसद से 28 सिंतबर 2003 में इस समिट की शुरुआत करने वाले मोदी उस वक्त गुजरात के मुख्यमंत्री थे. उन्होंने इस समिट के जरिए निवेश का ऐसा मॉडल तैयार किया, जिसे अब देश के कई राज्य अपना रहे हैं. इस समिट से पीएम मोदी इमोशनल कनेक्शन है. जब पहली बार उन्होंने इस समिट का आयोजन किया था, खुद फोन कर 500 से ज्यादा उद्योगपतियों को आमंत्रित किया था. 

वाइब्रेंट गुजरात की शुरुआत? 

साल 2003 में गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए जब नरेन्द्र मोदी ने वाइब्रेट गुजरात की शुरुआत की, तो उस वक्त राज्य की हालात ठीक नहीं थी. इस समिट के लिए उन्होंने खुद 500 से ज्यादा उद्योगपतियों को फोन कर उन्हें आमंत्रित किया था. वो रोज सुबह उठकर 40 से 50 उद्योगपतियों को फोन कर उन्हें इस समिट में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित करते थे. उस वक्त राज्य के जो हालात थे, उससे कंपनियां गुजरात से दूरी बना रही थीं. ऐसे में राज्य की छवि को सुधारने और कंपनियों को निवेश के लिए आकर्षित करने के लिए उन्होंने इस समिट की शुरुआत की.

उन्होंने अक्टूबर 2001 में उन्होंने गुजरात के सीएम की कुर्सी संभाली उस वक्त राज्य आर्थिक और सामाजिक मुश्किलों से घिरा था. भुज के भूकंप से राज्य को भारी नुकसान हुआ था. राज्य भूकंप से उबर पाता कि उसके बाद साल 2002 में गोधरा दंगों की आंच में झुलस गया. गुजरात एक के बाद एक मुश्किलों में जूझ रहा था. निवेशकों ने गुजरात से किनारा करना शुरू कर दिया. ऐसे में गुजरात में निवेशक और कारोबार को आकर्षित करने के लिए मोदी ने 2003 में वाइब्रेंट गुजरात की शुरुआत की. 

कैसे मिला नाम  

वाइब्रेंट गुजरात समिट का मुख्य मकसद गुजरात को एक आकर्षक निवेश का केंद्र बनाना था. उसे इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन के तौर पर बढ़ावा देना है. वाइब्रेंट गुजरात समिट के पीछे पीएम मोदी का ही दिमाग था. उन्होंने इस ग्लोबल समिट को वाइब्रेंट गुजरात का नाम दिया. इसके नाम के पीछे भी कहानी है. इस समिट के लिए वो एक अच्छा नाम तलाश रहे थे.  समिट को लेकर बैठक में नाम पर चर्चा हो रही थी. इसी दौरान उनकी नजर टूरिज्नम कॉर्पोरेशन ऑफ गुजरात के रंगीन लोगो पर गई. वो कुछ देर तक उसे निहारते रहे. थोड़ी देर बाद सबके सामने कहा कि इस समिट का नाम 'वाइब्रेंट गुजरात' रखना चाहिए. बैठक में बैठे कुछ अधिकारियों ने कहा कि इसमें निवेश शब्द छूट रहा है, जिसपर मोदी ने कहा कि वाइब्रेंट गुजरात नाम आत्मविश्वास को दिखा रहा है. इसलिए यही रखेंगे .  

क्या है इस बार वाइब्रेंट गुजरात का  एजेंडा 

वाइब्रेंट गुजरात में देश और दुनियाभर के निवेशक, बड़ी कंपनियों के सीईओ,  व्यापारिक नेता, विचारकों, नीति और राय निर्माता शामिल होते हैं.  इस साल वाइब्रेंट गुजरात समिट में फ्यूचर टेक्नोलॉजी से संबंधित इंडस्ट्री पर जोर होगा, सेमीकंडक्टर, ग्रीन हाइड्रोजन, ई-मोबिलिटी , स्पेस तकनीक जैसे सेक्टर पर जोर होगा. इस समिट में पीएम मोदी और संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान की मुलाकात भी होगी.  गुजरात में निवेश के माहौल को दर्शया जाएगा. इस बार समिट का थीम 'गेटवे टू द फ्यूचर' रखा गया है. इस समिट में 34 भागीदार देश और 16 भागीदार संगठन हिस्सा ले रहे हैं. वहीं 133 देशों के राजनयिक , कारोबारी और मंत्री शामिल होंगे. 

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