UPS: केंद्र सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम को मंजूरी दे दी है. यह स्कीम राष्ट्रीय पेंशन स्कीम यानी NPS के विकल्प के रूप में काम करेगी. इससे लगभग 23 लाख सरकारी कर्मचारियों को लाभ मिलेगा.
मोदी सरकार ने अप्रैल 2023 में टीवी सोमनाथन की अगुवाई में एक कमेटी गठन की. इसी कमेटी ने सभी राज्य के वित्तीय सचिव, नेताओं और सैकड़ों कर्मचारी यूनियन से चर्चा कर केंद्र सरकार को UPS लागू करने की सिफारिशें की हैं. आइए जानते हैं कि कौन कर्मचारी NPS से इस स्कीम में स्विच कर सकते हैं.
साल 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने OPS को खत्म कर NPS लाई थी. NPS 1 अप्रैल 2024 से लागू है. OPS वाले कर्मचारी UPS का विकल्प चुन सकते हैं. यह 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी.
UPS के फायदे
यूनिफाइड पेंशन स्कीम में निश्चित पेंशन की गारंटी है. UPS के तहत कर्मचारी को रिटायरमेंट से पहले के 12 महीनों के औसत मूल वेतन का 50 फीसदी पेंशन दिया जाएगा. हालांकि, इसके लिए शर्त यह है कि कर्मचारी 25 साल नौकरी की हो.
वहीं, अगर कोई कर्मचारी कम से कम 10 साल नौकरी करता है तो उसे भी 10 हजार की निश्चित पेंशन राशि मिलेगी. इससे कम नौकरी करने वालों को उस अनुपात में पेंशन मिलेगी. इसके अलावा इस स्कीम के तहत अगर नौकरी करते हुए किसी कर्मचारी की मौत होती है तो उसके परिवार यानी पत्नी को 60 फीसदी पेंशन के रूप में मिलेगी.
कौन उठा सकते हैं UPS का लाभ
नई पेंशन योजना 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी. ऐसे में वे सभी कर्मचारी जो 31 मार्च 2025 तक एरियर के साथ रिटायर हो रहे हैं वो इस स्कीम के लिए पात्र हैं. सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि इस योजना से 23 लाख लोगों पर सरकारी कर्मचारी प्रभाव पड़ेगा.
हालांकि, नई पेंशन स्कीम लागू होने के बाद ऐसे कर्मचारी इससे वंचित रह जाएंगे जिनके लिए सरकारी नौकरी में उम्र सीमा 40 वर्ष या उससे ज्यादा है. क्योंकि इस स्कीम के तहत 50 फीसदी निश्चित पेंशन के 25 साल नौकरी करना अनिवार्य है.
क्योंकि भारत में केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष है. हालांकि, यह उनके विभाग और पद के आधार पर भिन्न हो सकती है.