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Tax Regime Reform: टैक्सपेयर्स के लिए जरूरी खबर, अगले साल बदलेगा ITR फॉर्म! जानिए केंद्र सरकार का नया प्लान

Tax Reform System : करदाताओं की सुविधा के लिए सरकार आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने वाले फॉर्म्स की संख्या घटा सकती है. दरअसल, सरकार लगातार कर चरी को रोकने का प्रयास कर रही है. 

Tax Regime Reform: टैक्सपेयर्स के लिए जरूरी खबर, अगले साल बदलेगा ITR फॉर्म! जानिए केंद्र सरकार का नया प्लान
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Anamika Amber|Updated: Dec 25, 2022, 10:30 PM IST

Tax Reform System In India: टैक्सपेयर्स के लिए काम की खबर है. सरकार  (Modi Government) जल्दी ही ITR फॉर्म को बदल सकती है. आने वाले बजट में आयकर रिटर्न (Income Tax Return) के फॉर्म में बदलाव का ऐलान किया जा सकता है. दरअसल, चालू वित्त वर्ष 2022-23 में सरकार के टैक्स कलेक्शन (Tax Collection) में 26 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जिससे सरकार को एक नई सफलता मिली है. आने वाले समय में सरकार टैक्स से जुड़े नियमों को सुधार कर टैक्स कलेक्शन में और बढ़ोतरी करना चाहती है.  

क्या होंगे बदलाव?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, करदाताओं की सुविधा के लिए सरकार आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने वाले फॉर्म्स की संख्या घटा सकती है. दरअसल, सरकार लगातार कर चरी को रोकने का प्रयास कर रही है. इसके अलावा, ऑनलाइन गेमिंग के अलावा ई-कॉमर्स और ऑनलाइन सेवा प्रदाताओं के लिए सख्त मानदंड तय किए जाने की प्लानिंग की जा रही है. आने वाले बजट में टैक्स से जुड़े कई नियमों में बदलाव की चर्चा हो रही है. सूत्रों की मानें तो अगले साल यानी आने वाले बजट में कर व्यवस्था (TAX System) में बदलाव हो सकता है, जिससे आम लोगों को सहूलियत होगी. दरअसल, कदताओं को लुभाने के लिए केंद्र सरकार व्यक्तिगत आयकर दाताओं के लिए छूट मुक्त कर व्यवस्था को विकसित करने की तयारी में है.

ITR फॉर्म में मिलेगी सुविधाएं 

गौरतलब है कि अभी अलग अलग करदाताओं के लिए अलग-अलग ITR फॉर्म हैं. व्यक्तिगत करदाताओं के लिए फॉर्म (ITR-1 और ITR-4) जारी किया जाता है. लेकिन नए नियम में ITR-1 और ITR-4 दाखिल करने वाले करदाताओं स्वविकल्प का मौक़ा दिया जा सकता है. आपको बता दें कि इस समय करदाताओं के लिए 7 तरह के आईटीआर फॉर्म उपलब्ध हैं.

भारत की क्या है योजना?

गौरतलब है कि सरकार अगले साल जी-20 देशों के नेताओं की मेजबानी करने की तैयारी में लगा हुआ है. और बताया जा रहा है कि इसमें डिजिटल अर्थव्यवस्था में कराधान, विकासशील देशों को करों का उचित हिस्सा तय करना और क्रिप्टोकरेंसी का कराधान को एजेंडे में शामिल करने जैसे मुद्दे को शामिल किया जाएगा.

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