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बिहार में उद्योगों की बहार! 36000 करोड़ का निवेश धरातल पर उतरने के लिए तैयार, कैसे हुआ ये संभव?

New investment in Bihar: दिसंबर में बिहार बिजनेस कनेक्ट विशाल कार्यक्रम का आयोजन किया गया था इसमें 16 देशों की 600 से अधिक कंपनियों ने भाग लिया था.

बिहार में उद्योगों की बहार! 36000 करोड़ का निवेश धरातल पर उतरने के लिए तैयार, कैसे हुआ ये संभव?
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Sudeep Kumar|Updated: Sep 09, 2024, 11:03 PM IST

Business Opportunities in Bihar: इस साल के बजट में बिहार के लिए हुए स्पेशल पैकेज की घोषणा के बाद निजी कंपनियां भी राज्य में बंपर निवेश कर रही है. बिहार में 238 कंपनियों द्वारा 36000 करोड़ रुपये निवेश की सभी औपचारिकताएं पूरी किए जाने के बाद अब यह धरातल पर उतरने जा रहा है. 

बिहार के उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा है कि दिसंबर में बिहार बिजनेस कनेक्ट विशाल कार्यक्रम का आयोजन किया गया था इसमें 16 देशों की 600 से अधिक कंपनियों ने भाग लिया. इसमें 278 कंपनियों ने 50530 करोड़ रुपये के निवेश के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए. इसमें से लगभग 36000 करोड़ रुपये का निवेश सभी औपचारिकताओं के बाद धरातल पर उतरने के लिए तैयार है. 

कई बड़े निवेशकों ने की निवेशः मंत्री

उन्होंने आगे कहा कि कई बड़े निवेशकों ने बिहार को अपनी पसंदीदा जगह के रूप में चुना है. सड़क, चारदीवारी, जल निकासी, सौर स्ट्रीट लाइट और नए औद्योगिक क्षेत्रों में निवेशक सुविधा केंद्र से संबंधित बुनियादी ढांचा विकास कार्य प्राथमिकता के आधार पर विकसित किया जा रहा है. 

बिहार के उद्योग मेंत्री ने आगे कहा, "अपनी आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने और भारत के निर्यात क्षेत्र में अपना योगदान बढ़ाने के लिए बिहार सरकार अब अपनी हिस्सेदारी 0.52 प्रतिशत से बढ़ाकर पांच प्रतिशत करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है. सरकार का ध्यान व्यवसायों को फलने-फूलने के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करना है, जिससे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों तरह के निवेश आकर्षित हों."

FDI पर बिहार सरकार की नजर

नीतीश मिश्रा ने आगे कहा कि बिहार की नजर केंद्र सरकार के साथ समन्वय में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) पर भी है. राज्य सरकार ने नए उद्यमियों को सहायता-मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए राज्य भर के सभी 101 अनुमंडलों में एक फेलिसिटेशन सेंटर खोलने का भी निर्णय लिया है.’

इस दौरान उद्योग विभाग की सचिव बंदना प्रियशी ने कहा कि एक तरफ बिहार को प्रमुख विनिर्माण इकाइयों के लिए बड़े निवेश मिल रहे हैं और दूसरी तरफ राज्य सरकार एक पारिस्थितिकी तंत्र को भी विकसित कर रही है जिससे कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लाभ के लिए एमएसएमई जमीनी स्तर पर आगे बढ़े.

(इनपुटः भाषा)

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