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Richest Woman: एशिया की सबसे अमीर महिला बनी ये भारतीय, इनकी दौलत आधी से ज्यादा डूबने से मिला फायदा

Richest Woman in the World: चीन की यांग हुईयान को बड़ा झटका लगा है. उनकी संपत्ति आधी से भी कम हो गई है. हालांकि इसका फायदा भारतीय महिला को मिला है और अब वो एशिया की सबसे अमीर महिला हो गई है.

सावित्री जिंदल और यांग हुईयान
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Zee News Desk|Updated: Jul 30, 2022, 08:50 PM IST

Richest Woman in Asia: यांग हुईयान अब एशिया की सबसे अमीर महिला नहीं हैं. चीन के प्रॉपर्टी क्राइसिस ने देश के डेवलपर्स को प्रभावित किया है, जिसमें उनकी कंट्री गार्डन होल्डिंग्स कंपनी भी शामिल है. इसका असर ये दिखा की यांग हुईयान की संपत्ति में काफी ज्यादा गिरावट देखने को मिली है. इसके साथ ही अब सावित्री जिंदल एशिया की सबसे अमीर महिला बन चुकी हैं. यांग को ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स में भारत की सावित्री जिंदल ने पीछे छोड़ दिया, जिनके पास अपने समूह जिंदल ग्रुप की बदौलत 11.3 बिलियन डॉलर की संपत्ति है. यह ग्रुप मेटल और बिजली उत्पादन सहित कई उद्योगों में शामिल है. इसके साथ ही सावित्री जिंदल एशिया की सबसे अमीर महिला के तौर पर सामने आई है.

  1. सावित्री जिंदल को मिला ये पायदान
  2. यांग हुईयान को हुआ भारी नुकसान

अब हुई गिरावट

वहीं यांग हुईयान साथी चीनी टाइकून फैन होंगवेई से भी नीचे फिसल गईं, जिनकी संपत्ति रासायनिक-फाइबर कंपनी हेंगली पेट्रोकेमिकल कंपनी से आती है. यह यांग के लिए एक नाटकीय गिरावट रही है क्योंकि यांग को साल 2005 में रियल एस्टेट डेवलपर में अपने पिता की हिस्सेदारी विरासत में मिली थी. इसके साथ ही यांग सबसे कम उम्र के अरबपतियों में से एक बन गई. 

आधी हो गई संपत्ति

पिछले पांच वर्षों से यांग एशिया की सबसे अमीर महिला रही हैं, जो चीन के संपत्ति क्षेत्र के तेजी से विकास को दर्शाती है. हालांकि अब यांग की संपत्ति में भारी गिरावट दर्ज की गई है. यांग हुईयान की संपत्ति इस साल लगभग 24 अरब डॉलर से गिरकर 11 अरब डॉलर रह गई है. यह आधी से भी कम हो गई है. वहीं 72 साल की जिंदल भारत की सबसे अमीर महिला हैं और देश में 10वीं सबसे अमीर शख्स है.

जिंदल को फायदा

इनकी कंपनी भारत में स्टील की तीसरी सबसे बड़ी उत्पादक है और सीमेंट, ऊर्जा और इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में भी काम करती है. हाल के वर्षों में जिंदल की कुल संपत्ति में बेतहाशा उतार-चढ़ाव आया है. अप्रैल 2020 में कोविड -19 महामारी की शुरुआत में यह गिरकर 3.2 बिलियन डॉलर हो गया, फिर अप्रैल 2022 में 15.6 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया क्योंकि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण ने कमोडिटी की कीमतों में बढ़ोतरी की थी.

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