RBI Repo Rates: रिजर्व बैंक (Reserve Bank) की ओर से मौद्रिक समीक्षा नीति की बैठक की जा रही है. आज इस बैठक का दूसरा दिन है. कल यानी 8 फरवरी को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shakti Kant Das) ब्याज दरों पर फैसला सुनाएंगे. कई एक्सपर्ट का मानना है कि सरकार इस बार भी 25 बेसिस प्वाइंट का इजाफा कर सकती है. वहीं, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के अर्थशास्त्रियों को उम्मीद है कि इस बार मौद्रिक नीति समीक्षा की बैठक में नीतिगत दरों में इजाफा नहीं होगा.
केंद्रीय बैंक सुनाएगा फैसला
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के अर्थशास्त्रियों ने कहा कि केंद्रीय बैंक की छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (MPC) मौद्रिक नीति को लेकर उदार रुख को वापस लेने का नजरिया बरकरार रख सकती है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई में मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक सोमवार को शुरू हुई. मौद्रिक नीति की घोषणा बुधवार को होगी.
2.25 फीसदी बढ़ चुकी हैं ब्याज दरें
आरबीआई ने पिछले साल मई से लेकर अब तक मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए रेपो दर में कुल 2.25 फीसदी का इजाफा कर दिया है. यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में आए व्यवधान के चलते करनी पड़ी थी. साल 2022 में सरकार ने लगातार 5 बार रेपो रेट्स में इजाफा किया है. इसमें आखिरी बार इजाफा दिसंबर 2022 में देखने को मिला था.
अभी 6.25 फीसदी पर है रेपो रेट्स
इकोनॉमिस्ट का मानना है कि मार्च 2023 में महंगाई दर को 5 फीसदी के पास लेकर आना है. वहीं, अप्रैल में 4.2 फीसदी तक लेकर जाने की उम्मीद लगाई जा रही है. ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार मॉनेटरी पॉलिसी की बैठक में रेपो रेट्स में बदलाव नहीं करेगी. इस समय रेपो रेट्स 6.25 फीसदी पर है. SBI के अर्थशास्त्रियों ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में सरकारी सिक्योरिटीज की मांग और सप्लाई 2 लाख करोड़ रुपए का गैप होना चाहिए और ऐसी उम्मीद है कि ये गैप ओपन मार्केट ऑपरेशन्स के जरिए RBI भरेगा या दूसरी छमाही में स्विच करेगा ताकि मांग और सप्लाई के बीच बैलेंस हो सके.
क्या होता है रेपो रेट्स?
आपको बता दें रेपो रेट्स की दरों से ही बैंक अपने लोन की दरें तय करता है. अगर इसकी दरों में इजाफा होता है तो होम लोन, पर्सनल लोन, ऑटो लोन जैसे सभी तरह के लोन महंगे हो जाते हैं. रेपो रेट्स वह दर होती है, जिस पर आरबीआई बैकों को कर्ज देता है.
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