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Repo Rate: लोन लेने वालों को अगले महीने म‍िलेगी राहत! रेपो रेट बढ़ने पर सामने आई यह जानकारी

RBI MPC: नए व‍ित्‍तीय वर्ष में आरबीआई (RBI) की मौद्र‍िक नीति समिति (MPC) की बैठक 3 अप्रैल से 5 अप्रैल तक चलेगी. एक्सपर्ट्स के अनुसार आरबीआई रेपो रेट (Repo Rate) में 0.25% की एक और बढ़ोतरी कर सकता है.

Repo Rate: लोन लेने वालों को अगले महीने म‍िलेगी राहत! रेपो रेट बढ़ने पर सामने आई यह जानकारी
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Zee News Desk|Updated: Mar 28, 2023, 02:18 PM IST

RBI Repo Rate Hike: अगर आपने भी होम लोन ले रखा है या आने वाले समय में लेने की प्‍लान‍िंग कर रहे हैं तो यह खबर आपको राहत देगी. जी हां, आरबीआई (RBI) की तरफ से मई 2022 से लेकर प‍िछले द‍िनों तक रेपो रेट में 2.50 प्रत‍िशत का इजाफा क‍िया गया है. नए व‍ित्‍तीय वर्ष में आरबीआई (RBI) की मौद्र‍िक नीति समिति (MPC) की बैठक 3 अप्रैल से 5 अप्रैल तक चलेगी. एक्सपर्ट्स के अनुसार आरबीआई रेपो रेट (Repo Rate) में 0.25% की एक और बढ़ोतरी कर सकता है.

लेक‍िन इस बीच एसबीआई रिसर्च (SBI Research) की र‍िपोर्ट में लोन धारकों को बड़ी राहत दी गई है. एसबीआई की रिपोर्ट में उम्‍मीद जताई गई है क‍ि RBI अगले हफ्ते होने वाली एमपीसी की बैठक के दौरान रेपो रेट में लगातार हो रही बढ़ोतरी पर लगाम लगा सकता है. आरबीआई के इस कदम के बाद होम लोन चुकाने वाले और होम लोन लेने वाले दोनों ही तरह के लोगों को राहत म‍िलेगी. एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट में उम्‍मीद जताई गई क‍ि आरबीआई अप्रैल में बढ़ते रेपो रेट को रोक देगा. इस बार रेपो रेट की बढ़ती दर को रोकने को उसके पास कई कारण हैं.

वित्तीय स्थिरता की चिंताएं स्थान ले रही
अफोर्डेबल हाउसिंग लोन मार्केट में भारी मंदी की चिंताएं और वित्तीय स्थिरता की चिंताएं स्थान ले रही हैं. एसबीआई (SBI) की रिपोर्ट में बताया गया कि स्टिकी कोर मुद्रास्फीति पर चिंता उचित है, यह ध्यान दिया जा सकता है कि पिछले दशक में औसत कोर इनफ्लेशन 5.8% पर है और यह लगभग संभावना नहीं है कि मुख्य मुद्रास्फीति भौतिक रूप से 5.5% और नीचे गिर सकती है चूंकि स्वास्थ्य और शिक्षा पर खर्च में महामारी के बाद बदलाव और ईंधन की कीमतों के उच्च स्तर पर बने रहने के साथ ट्रांसपोर्ट इनफ्लेशन का घटक बाधा के रूप में कार्य करेगा.

बड़े बैंक संक्रमण की आशंका कम हो रही
ग्लोबल इकोनॉमिक सिनारियो पर रिपोर्ट में कहा गया है कि नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, हाल ही में घोषित फेड बैंक टर्म फंडिंग प्रोग्राम विंडो से बैंक उधारी से पता चलता है कि एक बड़े बैंक संक्रमण की आशंका कम हो रही है, हालांकि बड़े बैंकों की कीमत पर छोटे बैंकों की जमा राशि में गिरावट जारी है. एसबीआई की शोध रिपोर्ट में कहा गया- ऐसा लगता है कि छोटे बैंक किसी भी डिपॉजिट रन पर काबू पाने के लिए फेड से कर्ज ले रहे हैं. इस प्रकार, वैश्विक परिस्थितियां अभी भी विकसित और तरल हैं. (Input : PTI)

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