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'सावधान रहें, नहीं तो..., RBI के नाम पर लोगों से ठगी के बीच केंद्रीय बैंक ने जारी की चेतावनी

RBI Guidelines: रिजर्व बैंक ने कहा है कि धोखेबाज कस्टमर्स को डराने-धमकाने की रणनीति भी अपनाते हैं, जिसमें लोगों से आईवीआर कॉल, एसएमएस और ईमेल के जरिए संपर्क किया जाता है.

'सावधान रहें, नहीं तो..., RBI के नाम पर लोगों से ठगी के बीच केंद्रीय बैंक ने जारी की चेतावनी
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Sudeep Kumar|Updated: Aug 29, 2024, 11:15 PM IST

RBI: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपने नाम पर धोखाधड़ी की गतिविधियों के प्रति लोगों को आगाह किया है. केंद्रीय बैंक ने लोगों से कहा है कि वे अपने खाते के लॉगइन विवरण, ओटीपी या केवाईसी दस्तावेज अज्ञात व्यक्तियों के साथ साझा न करें. 

आरबीआई ने गुरुवार को एक बयान जारी करते हुए कहा है कि संज्ञान में आया है कि गड़बड़ी में शामिल रहने वाले कुछ तत्व RBI नाम का उपयोग करके जनता को धोखा देने के लिए विभिन्न तरीकों का उपयोग कर रहे हैं.

धोखेबाज लोग RBI के फर्जी लेटर हेड और फर्जी ईमेल पते का इस्तेमाल करते हैं, खुद को केंद्रीय बैंक का कर्मचारी बताते हैं, और लोगों को लॉटरी जीतने, मनी लॉन्ड्रिंग, विदेश से आए रुपये और सरकारी योजनाओं जैसे फर्जी प्रस्तावों के साथ फंसाते हैं. ऐसे धोखेबाज लोगों से मनी ट्रांसफर शुल्क रूप में पैसा ऐंठ लेते हैं.

सरकारी अधिकारी बन करते हैं संपर्क
 
केंद्रीय बैंक ने आगे कहा कि एक और चाल जो हमारे ध्यान में आई है. धोखेबाज लोग छोटे/मध्यम कारोबारियों से सरकार/आरबीआई अधिकारी बनकर संपर्क करते हैं और आकर्षक भुगतान का वादा करके सरकारी अनुबंध या योजना की आड़ में उनसे ‘सुरक्षा जमा’ का भुगतान करवाने के लिए कहते हैं. 

आरबीआई ने कहा कि धोखेबाज लोग डराने-धमकाने की रणनीति भी अपनाते हैं, जिसमें पीड़ितों से आईवीआर कॉल, एसएमएस और ईमेल के जरिए संपर्क किया जाता है. वे खुद को आरबीआई अधिकारी बताते हैं और बैंक खातों को फ्रीज/ब्लॉक/निष्क्रिय करने की धमकी देते हैं तथा उन्हें कुछ व्यक्तिगत विवरण साझा करने या संचार में दिए गए लिंक का उपयोग करके कुछ अनधिकृत/असत्यापित एप्लिकेशन इंस्टॉल करने के लिए राजी या मजबूर करते हैं. 

आरबीआई ने कहा कि उसे कुछ वेबसाइटों और ऐप के बारे में पता चला है, जिनमें अनधिकृत डिजिटल ऋण देने वाले ऐप और अन्य कथित वित्तीय सेवा प्रदाता जैसी संस्थाएं शामिल हैं. केंद्रीय बैंक ने जनता को संदिग्ध संचार की सूचना कानून प्रवर्तन एजेंसियों को देने की सलाह दी. 

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