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8 घंटे की ड्यूटी, AC केबिन... राहुल के आरोपों पर रेलमंत्री ने बताया लोको पायलट की सुविधाओं का सच

Rahul Gandhi: लोकसभा में विपक्ष नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि नरेंद्र मोदी की सरकार में लोको पायलट्स के जीवन की रेल पूरी तरह पटरी से उतर चुकी है. गर्मी से खौलते केबिन में बैठ कर लोको पायलट्स 16-16 घंटे काम करने को मजबूर हैं. 

8 घंटे की ड्यूटी, AC केबिन... राहुल के आरोपों पर रेलमंत्री ने बताया लोको पायलट की सुविधाओं का सच
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Sudeep Kumar|Updated: Jul 10, 2024, 06:40 PM IST

Railway Minister: कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की ओर से लोको पायलट की स्थिति को लेकर लगाए गए आरोपों को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने निराधार बताया है. बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखते हुए वैष्णव ने कहा कि हमारे लोको पायलटों को हतोत्साहित करने के लिए विपक्ष द्वारा बहुत सारी गलत सूचनाएं दी जारी रही हैं.

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कहा, "लोको पायलट रेलवे परिवार के महत्वपूर्ण सदस्य हैं. चूंकि, उन्हें हतोत्साहित करने के लिए विपक्ष द्वारा गलत सूचनाएं दी जा रही हैं. इसलिए मैं चीजों को बिल्कुल स्पष्ट कर देना चाहता हूं.

दरअसल, पिछले सप्ताह कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने लोको पायलट के एक समूह से मुलाकात की थी. इस दौरान उन्होंने कर्मचारियों की कमी के कारण पर्याप्त आराम की कमी की शिकायत की थी. इसके बाद राहुल गांधी ने उन्हें आश्वासन दिया था कि वह इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे.

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने क्या कहा?

उन्होंने आगे कहा, "लोको पायलट के ड्यूटी के घंटों की सावधानीपूर्वक निगरानी की जाती है. ड्यूटी से वापस आने के बाद उन्हें पर्याप्त आराम दिया जाता है. लोको पायलट के लिए निर्धारित घंटों केो भीतर औसत ड्यूटी घंटे निर्धारित किए जाते हैं. इस साल जून में लोको पायलट की औसतन ड्यूटी 8 घंटे से भी कम है. केवल बहुत जरूरी परिस्थितियों में ही ड्यूटी तय समय से अधिक होती है.

रेल मंत्री ने आगे लिखा है कि पायलट लोको कैब से ट्रेन चलाते हैं और 2014 से पहले कैब की हालत बहुत खराब थी. 2014 के बाद से एर्गोनोमिक सीटों के साथ कैब में सुधार किया गया है. वर्तमान में 7 हजार से अधिक लोको कैब वातानुकूलित हैं. जबकि नए लोकोमोटिव एसी कैब के साथ बनाए जा रहे हैं.

ऑफ ड्यूटी आराम की सुविधा को लेकर रेल मंत्री ने कहा कि जब पायलट अपनी एक ट्रिप पूरी करते हैं और अगर वह अपने हेडक्वार्टर के बाहर होते हैं तो वो आराम करने के लिए रनिंग रूम में आते हैं. 2014 से पहले रनिंग रूम की स्थिति बहुत खराब थी. लेकिन अभी लगभग सभी 558 रनिंग रूम वातानुकूलित हैं. यहां तक कि कई रनिंग रूम में फुट मसाजर भी उपलब्ध कराए जाते हैं. दुर्भाग्य से कांग्रेस ने इनकी परिस्थितियों से अवगत हुए बिना आलोचना की.

 भर्ती प्रक्रिया को लेकर क्या कहा?

रेलवे लोको पायलट की भर्ती प्रक्रिया को लेकर रेल मंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में रेलवे में बड़ी भर्ती प्रक्रिया पूरी की गई. 34 हजार रनिंग स्टाफ की भर्ती की गई है. वर्तमान में 18 हजार रनिंग स्टाफ की भर्ती प्रक्रिया चल रही है. उन्होंने आगे कहा कि फर्जी खबरों से रेल परिवार को हतोत्साहित करने का प्रयास विफल होगा. पूरा रेल परिवार हमारे देश की सेवा में एकजुट है.

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