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विरासत कर के बाद नई बहस, अमीर-गरीब की खाई म‍िटाने के ल‍िए Property Tax लगाने का सुझाव

र‍िसर्च लेटर के अनुसार टैक्‍सेशन प्रपोजल पर बड़ी बहस की जरूरत है. भारत में आमदनी और संपत्ति की असमानता को लेकर होने वाली बहस ने पिछले कुछ समय में जोर पकड़ा है. इसके पहले जारी रिपोर्ट में भी कहा गया क‍ि देश में आर्थिक असमानताएं लगातार बढ़ रही हैं.

विरासत कर के बाद नई बहस, अमीर-गरीब की खाई म‍िटाने के ल‍िए Property Tax लगाने का सुझाव
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Kriyanshu Saraswat|Updated: May 25, 2024, 10:41 AM IST

What is Property Tax: देश में अमीरों और गरीबों के बीच बढ़ती असमानता को दूर करने के लिए 10 करोड़ रुपये से ज्‍यादा की संपत्ति पर दो परसेंट टैक्‍स और 33 प्रतिशत विरासत कर लगाने की जरूरत है. अर्थशास्त्री थॉमस पिकेटी की अगुवाई में तैयार एक र‍िसर्च-लेटर में यह सुझाव दिया गया है. र‍िसर्च-लेटर में यह सुझाव पैसे के समान व‍ितरण और कुछ ही लोगों के पास लगातार बढ़ रही संपत्‍त‍ि से न‍िपटने के ल‍िए द‍िया गया है. इस लेटर में कहा गया क‍ि इससे अमीर लोगों पर टैक्‍स लगाने से फिस्कल डेफिसिट भी कम होगा.

10 करोड़ से ज्‍यादा की संपत्ति पर 2 प्रतिशत का टैक्‍स

'भारत में अत्यधिक असमानताओं से निपटने के लिए संपत्ति कर पैकेज के प्रस्ताव' शीर्षक वाले र‍िसर्च लेटर के अनुसार '99.96 प्रतिशत युवाओं को टैक्‍स से अप्रभावित रखते हुए बड़े टैक्‍स रेवेन्‍यू में इजाफा क‍िया जाना चाहिए.' इसमें कहा गया क‍ि बेस‍िक स्थिति में 10 करोड़ रुपये से ज्‍यादा की शुद्ध संपत्ति पर दो प्रतिशत सालाना टैक्‍स और इस पर 33 प्रतिशत विरासत टैक्‍स लगाने से मिलने वाला रेवेन्‍यू सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 2.73 प्रतिशत का बड़ा योगदान देगा.'

राष्ट्रीय शिक्षा नीति में 6 प्रतिशत खर्च का लक्ष्य
र‍िसर्च-लेटर में कहा गया क‍ि टैक्‍सेशन प्रपोजल के साथ गरीबों, निचली जातियों और म‍िड‍िल क्‍लॉस को समर्थन देने के लिए स्‍पष्‍ट री-ड‍िस्‍ट्रीब्‍यूशन पॉल‍िसी की जरूरत है. इस प्रस्ताव के अनुसार आधारभूत परिस्थिति में शिक्षा पर मौजूदा खर्च को करीब दोगुना करने की संभावना बनेगी. यह पिछले 15 साल में जीडीपी के 2.9 प्रतिशत पर स्थिर रहा है जबकि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में छह प्रतिशत खर्च का लक्ष्य रखा गया है. यह र‍िसर्च लेटर पेरिस स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के मशहूर अर्थशास्त्री थॉमस पिकेटी, हार्वर्ड कैनेडी स्कूल एवं वर्ल्ड इनइक्‍वेल‍िटी लैब से जुड़े लुकास चांसेल और न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी से जुड़े नितिन कुमार भारती ने लिखा है.

संपत्ति की असमानता वाली बहस ने जोर पकड़ा
र‍िसर्च लेटर के अनुसार टैक्‍सेशन प्रपोजल पर बड़े पैमाने पर बहस की जरूरत है. भारत में आमदनी और संपत्ति की असमानता को लेकर होने वाली बहस ने पिछले कुछ समय में जोर पकड़ा है. इसके पहले जारी 'भारत में आय और संपत्ति असमानता 1922-2023' रिपोर्ट भी कहती है कि देश में आर्थिक असमानताएं लगातार बढ़ रही हैं. इसमें कहा गया है कि इन असमानताओं और सामाजिक अन्याय के साथ उनके घनिष्ठ संबंध को अब नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. फाइनेंश‍ियल ईयर 2022-23 में टॉप एक परसेंट आबादी की आमदनी और संपत्ति में ऊंची हिस्सेदारी अपने उच्चतम ऐतिहासिक स्तर पर रही. यह अनुपात दुनिया में सबसे ज्‍यादा है, यहां तक क‍ि साउथ अफ्रीका, ब्राजील और अमेरिका से भी ज्‍यादा है.'

व‍िरासत टैक्‍स क्‍या है?
कई देशों में विरासत में मिलने वाली संपत्ति पर टैक्‍स लगाया जाता है. इसे विरासत कर (Inheritance Tax) कहा जाता है. यह टैक्‍स संपत्ति पाने वाले व्यक्ति को देना होता है. अमेरिका में विरासत टैक्‍स का चलन सामान्‍य नहीं है. साल 2023 तक सिर्फ छह राज्यों में ही विरासत कर (Inheritance Tax) लगता है. यह टैक्‍स इस बात पर ड‍िपेंड करता है क‍ि मरने वाला व्यक्ति किस राज्य में रहता था या उसकी संपत्ति किस राज्य में थी. साथ ही विरासत में मिली संपत्ति की कीमत कितनी है और इसके हकदार व्यक्ति का मरने वाले से क्‍या र‍िश्‍ता है.

कैसे होता है कैलकुलेट
विरासत टैक्‍स केवल उस रकम पर लगता है जो एक ल‍िम‍िट से ज्यादा हो. यद‍ि विरासत की रकम तय ल‍िम‍िट से कम है तो उस पर यह टैक्स नहीं लगाया जाता. उस ल‍िम‍िट से ज्यादा होने पर, टैक्स की दर धीरे-धीरे बढ़ती जाती है. आमतौर पर शुरुआत में 10% से कम टैक्स लगाया जाता है और फिर यह बढ़कर 15% से 18% के बीच हो जाता है. आपको जो छूट मिलेगी और आप पर जो टैक्स रेट लगेगा, वह इस पर निर्भर करता है कि आपका मरने वाले व्यक्ति से क्या रिश्ता था.

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