Public Provident Fund Interest Rate: पब्लिक प्राविडेंट फंड (PPF) सरकार समर्थित छोटी बचत योजना है. पीपीएफ (PPF) की ब्याज दर पर वित्त मंत्रालय की तरफ से इस महीने के आखिर में समीक्षा की जाएगी. समीक्षा के बाद 30 सितंबर को ब्याज दर बढ़ने पर ऐलान हो सकता है. पीपीएफ की ब्याज दर में अप्रैल 2020 से किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया गया. मौजूदा समय में पीपीएफ पर 7.1 प्रतिशत सालाना का ब्याज मिल रहा है. छोटी बचत योजनाओं में निवेश पर लागू ब्याज दर को सरकार की तरफ से तिमाही आधार पर अधिसूचित किया जाता है.
क्या सरकार ब्याज दर बढ़ाएगी?
पीपीएफ पर ब्याज दर बढ़ने का इंतजार निवेशक लंबे समय से कर रहे हैं. हालांकि जानकारों का कहना है कि सरकार की तरफ से इस बार भी अक्टूबर से दिसंबर तिमाही के लिए ब्याज दर 7.10% पर बरकरार रखी जा सकती है. इससे पहले जून में वित्त मंत्रालय ने सुकन्या समृद्धि योजना पर मिलने वाली ब्याज दर को बढ़ाया था.
कैसे होती है PPF की ब्याज दर की गणना?
प्रत्येक तिमाही के लिए लागू ब्याज दर प्रत्येक वित्तीय वर्ष के अंत में निवेशक के पीपीएफ अकाउंट में जमा की जाती है. इसके साथ निवेशक को सालाना चक्रवृद्धि ब्याज भी मिलता है. हर कैलेंडर मंथ के लिए ब्याज की गणना पांचवें दिन और महीने के अंत के बीच खाते में सबसे कम शेष राशि को ध्यान में रखकर की जाती है. साल की शुरुआत में ही हमेशा पीपीएफ में निवेश की सलाह दी जाती है. इस तरह आपको पूरे साल जमा पर ब्याज मिलता रहेगा.
फाइनेंशियल एक्सपर्ट यही सलाह देते हैं कि निवेश पर ज्यादा से ज्यादा रिटर्न पाने के लिए निवेशकों को हर महीने की 5 तारीख से पहले एक निश्चित राशि अकाउंट में जमा करने का सुझाव दिया जाता है. इससे यह सुनिश्चित हो जाता है कि पूरे महीने का ब्याज मिलेगा. कोई भी व्यक्ति पीपीएफ अकाउंट में 1.5 लाख तक की सालाना जमा राशि पर सेक्शन-80सी के तहत आयकर लाभ का दावा कर सकता है. इसके अलावा, कोई भी पीपीएफ मैच्योरिटी अमाउंट टैक्स फ्री होता है.
छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दर की समीक्षा इस बार 30 सितंबर, 2023 को होनी है. दरें वित्त वर्ष 2023-24 की सितंबर-नवंबर तिमाही के लिए लागू होंगी. जुलाई-सितंबर 2023 तिमाही के लिए छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर में 30 बीपीएस की बढ़ोतरी की गई थी.