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कर्ज में डूबे अनिल अंबानी के लिए सुप्रीम कोर्ट से आई बुरी खबर, हाथ से निकल गए ₹8000 करोड़, क्या है 12 साल पुराना मामला

Anil Ambani Company: एशिया के सबसे अमीर उद्योगपति मुकेश अंबानी के छोटे भाई अनिल अंबानी के दिन अभी बदलने शुरू ही हुए थे कि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बड़ा झटका लगा है. अनिल अंबानी की कंपनी को DMRC केस में सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है.

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Bavita Jha |Updated: Apr 10, 2024, 03:42 PM IST

Anil Ambani DMRC Case: एशिया के सबसे अमीर उद्योगपति मुकेश अंबानी के छोटे भाई अनिल अंबानी के दिन अभी बदलने शुरू ही हुए थे कि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बड़ा झटका लगा है. अनिल अंबानी की कंपनी को DMRC केस में सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. कोर्ट ने अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की मेट्रो यूनिट दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड (DAMEPL) को दिल्ली मेट्रो की जमा रकम को लौटाने को कहा है. कोर्ट ने डीएमआरसी की ओर से दी गई पूरी रकम को लौटाने को कहा है. इस खबर के आने के बाद रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयर धड़ाम हो गए. देश की सर्वोच्च अदालत ने रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की मेट्रो सेवा देने वाली कंपनी DAMEPL के पक्ष में 8000 करोड़ रुपये के आर्बिट्रल अवार्ड को रद्द कर दिया है.  सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद रिलायंस  इंफ्रास्ट्रक्चर का शेयर धड़ाम हो गए. शेयर में लोअर सर्किट लग गया. 20 फीसदी के गिरकर शेयर 227.6 रुपये पर पहुंच गया. 

अनिल अंबानी को सुप्रीम कोर्ट से लगा झटका  

सुप्रीम कोर्ट ने DMRC की ओर से दाखिल क्यूरेटिव याचिका को मंजूरी देते हुए कर्ज में डूबे अनिल अंबानी को एक और झटका दिया है. 12 साल पुराने मामले में चीफ जस्टिस डी वाई चेंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने रिलायंस की दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस  (DAMEPL) को दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन की ओर से जमा कराई गई रकम वापस करने को कहा है. रिलायंस की (DAMEPL) और दिल्ली मेट्रो के बीच विवाद साल 2012 में शुरू हुआ, जब दिल्ली एयरपोर्ट ने DMRC की कमियों का हवाला देते हुए करार को तोड़ दिया था.  जिसके बाद मामला दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचा. 

पहले समझौता फिर विवाद  

साल 2008 में  रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की DAMEPL और DMRC के बीच एक करार हुआ. कंसेशन एग्रीमेंट के तहत दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस लाइन को बनाने, उसको संचालन और रखरखाव के लिए ये करार किया गया था. डीएमआरसी और डीएएमईपीएल ने 30 सालों के लिए नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से सेक्टर 21 द्वारका तक एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस लाइन को डिजाइन, स्थापित, कमीशन, संचालित करने के लिए डील साइन की थी. इस डील के मुताबिक सिविल स्ट्रक्चर का काम डीएमआरसी के पास था तो वहीं सिस्टम वर्क डीएएमईपीएल के पास था. 

कहां से शुरू हुआ विवाद  

साल 2012 में  DAMEPL ने ये करार तोड़ दिया और दावा किया कि उसकी तरफ से बताई गए कमियों को DMRC की ओर से ठीक नहीं किया. विवाद बढ़ा तो साल 2017 में एक आर्बिट्रल ट्रिब्यूनल ने कहा कि कंसेशन एग्रीमेंट को खत्म करने का फैसला सही था. जिसके बाद आर्बिट्रल ट्रिब्यूनल ने DMRC को 2950 करोड़ रुपये लौटाने को कहा. इसके बाद विवाद कोर्ट में पहुंच गया. डीएमआरसी ने इस फैसले को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन उसकी याचिका खारिज हो गई. इसके बाद डीएमआरसी ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दायर की. 

अंबानी के हाथ से निकली 8000 करोड़ रुपये रकम 

रिलायंस और डीएमआरसी के बीच विवाद कोर्ट और मुकदमों का दौर शुरू हो गया. साल  2021 में ब्याज के साथ दोनों के बीच मध्यस्थता की रकम बढ़ाकर  7045.41 करोड़ रुपये हो गई. आज आर्बिट्रल अवार्ड्स की रकम बढ़कर 8000 करोड़ रुपये हो गई है. 

 

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