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Old Pension Scheme: क्या जल्द होगा पुरानी पेंशन स्कीम पर फैसला? एक्शन में आ सकती है सरकार, कर्मचारियों ने रखी ये मांग

Pension Scheme Update: 1 अप्रैल 2022 से पहले रिटायर हुए सरकारी कर्मचारियों ने मांग की है कि उन्हें पुरानी पेंशन योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए छत्तीसगढ़ की तरह ही राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) के तहत सेवानिवृत्ति के बाद निकाले गए सरकार के हिस्से को ही जमा करने की अनुमति दी जाए.

Old Pension Scheme: क्या जल्द होगा पुरानी पेंशन स्कीम पर फैसला? एक्शन में आ सकती है सरकार, कर्मचारियों ने रखी ये मांग
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Himanshu Kothari|Updated: Apr 06, 2023, 05:38 PM IST

Pension Scheme: पुरानी पेंशन योजना को लेकर बहस लगातार छिड़ी हुई है. इस बीच अब कुछ रिटायर लोगों ने राजस्थान सरकार से अहम मांग की है. 1 अप्रैल 2022 से पहले रिटायर हुए सरकारी कर्मचारियों ने मांग की है कि उन्हें पुरानी पेंशन योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए छत्तीसगढ़ की तरह ही राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) के तहत सेवानिवृत्ति के बाद निकाले गए सरकार के हिस्से को ही जमा करने की अनुमति दी जाए. दरअसल, 1 अप्रैल 2022 से राजस्थान में ओपीएस को बहाल कर दिया गया था.

पेंशन स्कीम
न्यू पेंशन स्कीम एम्प्लॉइज फेडरेशन ऑफ राजस्थान (एनपीएसईएफआर) के प्रतिनिधियों के अनुसार राज्य सरकार ने उन्हें उनकी मांग को पूरा करने का आश्वासन दिया है. हालांकि, वित्त विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि उपर्युक्त प्रस्ताव अभी भी विचाराधीन नहीं है. वहीं छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है, 'ओपीएस का लाभ प्राप्त करने के लिए 1 नवंबर 2004 और पुरानी पेंशन योजना के कार्यान्वयन की तिथि के बीच कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति/मृत्यु के मामलों में सरकारी अंशदान और निकासी (Till Date) पर अर्जित लाभांश को सरकारी कोष में जमा करना होगा.'

सरकारी स्कीम
एनपीएसईएफआर के राज्य समन्वयक विनोद कुमार ने कहा, 'हमें सरकार से आश्वासन मिला है कि हमारी यह मांग जल्द ही लागू की जाएगी. 1 जनवरी 2004 से 31 मार्च, 2022 तक लगभग 3500 सरकारी कर्मचारी रिटायर हुए हैं. हालांकि, लगभग 1000 कर्मचारी ही पेंशन के पात्र हैं. इससे राज्य सरकार को सालाना करीब एक करोड़ रुपये खर्च होंगे. हमें उम्मीद है कि सरकार हमारी मांग को पूरा करेगी.”

पुरानी पेंशन योजना
इससे पहले राज्य के वित्त विभाग ने एक अनौपचारिक नोट जारी किया था जिसमें कहा गया था कि 1 जनवरी 2004 के बाद स्थापित स्वायत्त और अर्ध-स्वायत्त निकायों, बोर्डों और निगमों के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को 30 जून तक पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को फिर से चुनना होगा और जो लोग इसे चुनते हैं, उन्हें 12 प्रतिशत की न्यूनतम ब्याज के साथ सेवानिवृत्ति के बाद प्राप्त अंशदायी पेंशन फंड (सीपीएफ) के केवल नियोक्ता के हिस्से को जमा करना आवश्यक है.

रिटायरमेंट
अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) वित्त अखिल अरोड़ा के जरिए जारी नोट में यह भी कहा गया है कि यदि कोई सेवानिवृत्त कर्मचारी 30 जून तक ओपीएस के लिए फिर से चयन नहीं करता है, तो यह माना जाएगा कि कर्मचारी सीपीएफ के सदस्य के रूप में जारी रखना चाहता है. "ओपीएस के लिए एक बार चयन करने के बाद, इसे अंतिम माना जाएगा,".

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