Foreign exchange: देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट देखने को मिली है. नौ फरवरी को खत्म होने वाले वीक में विदेशी भंडार 5.24 अरब डॉलर घटकर 617.23 अरब डॉलर रहा. इससे एक सप्ताह पहले कुल विदेशी मुद्रा भंडार 622.5 अरब डॉलर रहा था. हालांकि, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के शुक्रवार को जारी आंकड़ों से पता चलता है कि चालू वित्त वर्ष में विदेशी मुद्रा भंडार 50.28 अरब डॉलर बढ़ गया है.
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, दो फरवरी को समाप्त सप्ताह में मुद्राभंडार का अहम हिस्सा मानी जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियां 4.07 अरब डॉलर घटकर 546.52 अरब डॉलर रही. देश का विदेशी मुद्रा भंडार अक्टूबर, 2021 में 645 अरब डॉलर के रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गया था, लेकिन पिछले साल से ग्लोबल घटनाक्रम के बीच रुपये को संभालने के लिए रिजर्व बैंक को इस भंडार के एक हिस्से का इस्तेमाल करना पड़ा था.
क्या होता है विदेशी मुद्रा भंडार?
आपको बता दें विदेशी मुद्रा भंडार किसी भी देश के केंद्रीय बैंक में रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां होती हैं. इसका इस्तेमाल जरूरत पड़ने पर किया जाता है. इसके अलावा देश की देनदारियों का भुगतान करने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है. विदेशी मुद्रा भंडार को एक से ज्यादा करेंसी में रखा जाता है. इसको ज्यादातर डॉलर और कुछ हद तक यूरो में विदेशी मुद्रा भंडार रखा जाता है.
रुपया रहा सबसे अच्छी करेंसी
रुपया इस वित्त वर्ष में अब तक की सबसे अच्छी एशियाई मुद्रा रही है. कुल भंडार में कमी विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में तेज गिरावट के कारण हुई, जो भंडार का सबसे बड़ा घटक है.
डॉलर के संदर्भ में उल्लेखित विदेशी मुद्रा आस्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं की घट-बढ़ का प्रभाव शामिल होता है. रिजर्व बैंक के मुताबिक, समीक्षाधीन सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के पास भारत की आरक्षित जमा भी 2.8 करोड़ डॉलर घटकर 48.32 अरब डॉलर रहा.