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NHAI: केंद्रीय मंत्री गडकरी का एक और बड़ा ऐलान, सुनकर कार से चलने वालों को होगी खुशी

Nitin Gadkari: गडकरी ने भारतीय प्रबंध संस्थान-कोझिकोड के 'बुनियादी ढांचा वित्तपोषण को लेकर प्रबंधन विकास कार्यक्रम' पर आयोजित कार्यक्रम में कहा, 'सरकार ने देशभर में 65,000 किमी राजमार्ग विकास को लेकर भारतमाला परियोजना की परिकल्पना की है.

NHAI: केंद्रीय मंत्री गडकरी का एक और बड़ा ऐलान, सुनकर कार से चलने वालों को होगी खुशी
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Zee News Desk|Updated: Jul 03, 2023, 03:19 PM IST

Greenfield Expressway: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार 4.5 लाख करोड़ के निवेश से 10,000 किमी की नई एक्सप्रेसवे परियोजनाओं का निर्माण कर रही है. गडकरी ने कहा कि इन सड़कों का निर्माण भारतमाला परियोजना के तहत किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने वित्तपोषण के विभिन्‍न साधनों के जरिये 70,000 करोड़ रुपये जुटाये हैं. इस राशि का उपयोग राजमार्ग परियोजनाओं के लिये किया जाएगा.

4.5 लाख करोड़ की लागत आएगी

गडकरी ने भारतीय प्रबंध संस्थान-कोझिकोड (IIM कोझिकोड) के 'बुनियादी ढांचा वित्तपोषण को लेकर प्रबंधन विकास कार्यक्रम' पर आयोजित कार्यक्रम में कहा, 'सरकार ने देशभर में 65,000 किमी राजमार्ग विकास को लेकर भारतमाला परियोजना की परिकल्पना की है. पहले चरण में सड़क नेटवर्क 34,800 किमी है. हम 4.5 लाख करोड़ की लागत से 10,000 किमी के नये एक्सप्रेसवे का निर्माण कर रहे हैं.'

2014 में 91,000 किलोमीटर हाइवे का नेटवर्क
मंत्री ने कहा कि देश में राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क 2014 में 91,000 किलोमीटर था. यह अब बढ़कर 1.45 लाख किमी हो गया है. गडकरी ने कहा कि सरकार बुनियादी ढांचा पाइपलाइन और पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के जरिये अर्थव्यवस्था को गति दे रही है. इन कार्यक्रमों से देश में एकीकृत और समग्र विकास सुन‍िश्‍च‍ित होगा. साथ ही लागत और समय की बचत होगी क्योंकि ये बुनियादी ढांचा परियोजनाएं दूरदराज के क्षेत्रों को जोड़ेंगी.

मंत्री ने कहा, ‘बुनियादी ढांचे में निवेश के लिये संपत्तियों को बाजार पर चढ़ाना महत्वपूर्ण है. राष्ट्रीय मौद्रीकरण योजना (संपत्तियों को बाजार पर चढ़ाने की योजना) में एनएचएआई की हिस्सेदारी 27 प्रतिशत है. हम वास्तव में राष्ट्रीय राजमार्गों के मौद्रीकरण के लिये कई मॉडल को आगे बढ़ा रहे हैं. इसमें टीओटी (टोल-ऑपरेट-ट्रांसफर), इनविट (बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट) और परियोजना आधारित वित्तपोषण शामिल है.’

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