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Nirmala Sitharaman On Inflation: बढ़ती महंगाई पर व‍ित्‍त मंत्री ने की ऐसी घोषणा, खुशी से उछल पड़ेगा देश का हर नागर‍िक

Inflation Rate in July: व‍ित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मुद्रास्फीति कम होकर अफोर्डेबल लेवल पर आ गई है. यही कारण है क‍ि देश की आर्थिक वृद्धि ही प्राथमिकता बनी हुई है.  

Nirmala Sitharaman On Inflation: बढ़ती महंगाई पर व‍ित्‍त मंत्री ने की ऐसी घोषणा, खुशी से उछल पड़ेगा देश का हर नागर‍िक
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Zee News Desk|Updated: Sep 07, 2022, 01:31 PM IST

Inflation Rate: प‍िछले द‍िनों र‍िकॉर्ड लेवल पर पहुंची महंगाई पर अब राहत म‍िलनी शुरू हो गई है. धीरे-धीरे मुद्रास्‍फीत‍ि की दर में पहले के मुकाबले कमी देखी जा रही है. महंगाई दर पर व‍ित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि मुद्रास्फीति कम होकर अफोर्डेबल लेवल पर आ गई है. उन्‍होंने कहा यही कारण है क‍ि देश की आर्थिक वृद्धि ही प्राथमिकता बनी हुई है. द‍िल्‍ली में 'इंडिया आइडियाज समिट' में वित्त मंत्री ने कहा कि रोजगार सृजन (Employment Generation) और धन का समान वितरण (Equitable Distribution of Wealth) ऐसे क्षेत्र हैं जिन पर सरकार का ध्यान है.

मुद्रास्फीति प्राथमिकता नहीं
उन्होंने कहा, 'कुछ निश्चित तौर पर प्राथमिकताएं हैं और कुछ उतनी महत्वपूर्ण नहीं हैं. प्राथमिकताओं में शामिल हैं रोजगार, धन का समान वितरण और यह सुनिश्चित करना कि भारत वृद्धि के रास्ते पर बढ़े.' सीतारमण ने आगे कहा, 'इस लिहाज से मुद्रास्फीति प्राथमिकता नहीं है. आपको इस बात से हैरानी नहीं होनी चाहिए. बीते कुछ महीनों में हम इसे अफोर्डेबल लेवल पर लाने में कामयाब रहे है.' आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक जुलाई में खाद्य वस्तुओं के दाम में नरमी से मुद्रास्फीति कम होकर 6.71 फीसदी पर आ गई.

जून 2022 में 7.01 प्रतिशत रही महंगाई दर
हालांकि यह भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के संतोषजनक स्तर की उच्च सीमा 6.0 प्रतिशत से लगातार सातवें महीने ऊपर बनी हुई है. जून 2022 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति 7.01 प्रतिशत रही, जबकि जुलाई 2021 में 5.59 प्रतिशत थी. अप्रैल से जून के बीच यह सात प्रत‍िशत के ऊपर बनी रही.

वित्त मंत्री ने भरोसा जताया कि अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व और यूरोपीयन सेंट्रल बैंक द्वारा दरों में तेज वृद्धि से उत्पन्न अस्थिरता से रिजर्व बैंक निपट लेगा. रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के कारण पैदा हुए वैश्विक ऊर्जा संकट का जिक्र करते हुए कहा कि कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस की उपलब्धता को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है. उन्होंने भुगतान प्रौद्योगिकी समेत हर लिहाज से भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को और गहरा करने का आह्वान किया.

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