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Mutual Funds में लगा है पैसा तो हो जाएं सावधान! जानें किस तरह के फंड्स से रहें दूर?

Mutual Funds calculator: MF में पैसा लगाने से पहले हम सभी को ये जानना बहुत जरूरी है कि किन फंड्स और स्टॉक्स में आपको पैसा नहीं लगाना है. आज हम आपको बताएंगे कि कौन से Mutual Funds में आपको इंवेस्ट नहीं करना है-  

म्यूचुअल फंड
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Zee News Desk|Updated: Aug 25, 2022, 02:50 PM IST

Mutual Funds: म्यूचुअल फंड की तरफ लोगों का इंट्रस्ट काफी बढ़ता जा रहा है, लेकिन इनमें पैसा लगाने से पहले हम सभी को ये जानना बहुत जरूरी है कि किन फंड्स और स्टॉक्स में आपको पैसा नहीं लगाना (Mutual Funds You Should Never Buy) है... क्योंकि अगर आपने खराब फंड्स को इग्नोर कर दिया तो आपको अपने आप ही अच्छा रिटर्न मिलेगा तो अपना पैसा लगाने से पहले आपके लिए ये जानना बेहद जरूरी है कि कौन से फंड्स ने निवेशकों को पिछले कुछ सालों में किस तरह का रिटर्न दिया है. 

आज हम आपको बताएंगे कि कौन से Mutual Funds में आपको इंवेस्ट नहीं करना है-

बैलेंस या हाइब्रेड फंड्स
फंड्स ऑफ फंड्स
न्यू फंड ऑफरिंग्स (NFO)
रेगुलर फंड्स
लार्जकैप एक्टिव फंड्स
मिडकैप फंड्स
सेक्टोरियल या थीमैटिक फंड्स
डेट फंड

बैलेंस या हाइब्रेड फंड्स
इस तरह के फंड में सबसे ज्यादा फीस जाती है. इसमें इक्विटी फंड के बराबर आपको फीस देनी होती है. तो इस तरह के फंड में निवेश करने से बेहतर है कि आप अलग से इक्विटी फंड, लिक्विड या फिर एफडी में निवेश कर सकते हैं. 

फंड्स ऑफ फंड्स
फंड ऑफ फंड्स वह फंड होते है जो बाकी म्यूचुअल फंड में पैसा लगाते हैं. ये डायरेक्ट स्टॉक्स में निवेश नहीं करते हैं. इस तरह के फंड में आपको दोगुनी फीस देनी होती है तो इस तरह के फंड से भी दूर रहना चाहिए. 

न्यू फंड ऑफरिंग्स (NFO)
आज के समय में मार्केट में निवेश करने के लिए सैकड़ों स्कीम्स उपलब्ध हैं. इस तरह के फंड्स का कोई भी ट्रैक रिकॉर्ड नहीं होता है. यह नए फंड्स होते है, जिसको बाजार में चलाने के लिए उनकी मार्केटिंग की जाती है. NFO के मार्केट में आने के बाद और उसकी 1 या 2 साल की परफॉर्मेंस देखने के बाद ही इनमें पैसा लगाना चाहिए.

रेगुलर फंड्स
इस तरह के फंड्स को भी इग्नोर करना चाहिए. इस तरह के फंड में अगर कोई निवेशक 100 रुपये लगा रहा है तो उसमें से एक रुपया उस कंपनी के पास जाता है, जिसमें आप पैसा लगाते हैं और आपका एक रुपया उस एजेंट के पास जाता है, जिसने आपको वह स्कीम का सजेशन दिया है. तो इस तरह के फंड में आपके 100 में सिर्फ 98 रुपये ही लगते हैं. तो इस तरह के फंड को इग्नोर करके आप 1 फीसदी पैसा बचा सकते हैं. 

लार्जकैप एक्टिव फंड्स
लार्जकैप एक्टिव फंड्स में निवेश करने से पहले निवेशकों को ध्यान देना चाहिए कि उनका पिछले सालों का रिटर्न कैसा रहा है. इसके अलावा सेबी ने 2 साल पहले लार्ज कैप फंड्स में बदलाव किया, जिसके बाद लार्ज कैप फंड्स का यूनिवर्स अब सिर्फ 100 स्टॉक्स का रह गया है. तो आप इसकी जगह पर लार्ज कैप इंडेक्स फंड में निवेश कर सकते हैं. 

मिडकैप फंड्स
इन फंड्स में पैसा लगाने से बेहतर है कि निवेशकों को एक्टिवली मैनेज लार्ज-मिडकैप फंड्स में निवेश करना चाहिए. इसमें आपको टॉप-100 लार्जकैप कंपनी और 150 मिडकैप कंपनी भी शामिल रहती है. इसमें फंड मैनेजर 250 कंपनियों के यूनिवर्स में पैसा लगा सकता है. 

सेक्टोरियल या थीमैटिक फंड्स
सेक्टर फंड्स में निवेश करना काफी रिस्क भरा रहता है. ये फंड्स निवेशकों को अच्छे समय में बहुत ज्यादा रिटर्न देते हैं, लेकिन डाउनसाइड की स्थिति में निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है. साथ ही इन फंड्स में फीस भी सबसे ज्यादा लगती है. 

डेट फंड 
रिटेल निवेशकों को ज्यादतर डेट फंड से दूर ही रहना चाहिए. लॉन्ग टर्म के लिए रिटेल निवेशकों को इस तरह के फंड्स को इग्रोर ही करना चाहिए. हालांकि आप अल्ट्रा शॉर्ट ड्यूरेशन फंड, लिक्विटड फंड, ओवरनाइट फंड में निवेश कर सकते हैं. निवेशकों को मोस्ट डेट फंड्स में पैसा लगाने से बचना चाहिए. 

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