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MSP Rate: किसानों के लिए मोदी सरकार ने दी खुशखबरी, गन्ने को लेकर दिया बड़ा तोहफा

Sugarcane Price: किसानों के लिए मोदी सरकार की ओर से कई राहत वाले काम किए जा रहे हैं. अब मोदी सरकार ने किसानों को एक खुशखबरी दे दी है. दरअसल, केंद्र सरकार की ओर से गन्ना किसानों को राहत देने का काम किया है. इसके तहत केंद्रीय कैबिनेट ने गन्ने के एमएसपी को बढ़ा दिया है.

MSP Rate: किसानों के लिए मोदी सरकार ने दी खुशखबरी, गन्ने को लेकर दिया बड़ा तोहफा
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Himanshu Kothari|Updated: Jun 28, 2023, 03:43 PM IST

Modi Government: किसानों के लिए मोदी सरकार की ओर से कई राहत वाले काम किए जा रहे हैं. अब मोदी सरकार ने किसानों को एक खुशखबरी दे दी है. दरअसल, केंद्र सरकार की ओर से गन्ना किसानों को राहत देने का काम किया है. इसके तहत केंद्रीय कैबिनेट ने गन्ने के एमएसपी को बढ़ा दिया है. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि केंद्रीय कैबिनेट ने अगले सीजन के लिए गन्ने की उचित और लाभकारी कीमतें 10 रुपये बढ़ाकर 315 रुपये प्रति क्विंटल करने का फैसला किया है.

किसानों को लाभ
सरकार के इस ऐलान से किसानों को लाभ होने वाला है. ठाकुर ने कहा, "कैबिनेट ने चीनी सीजन 2023-24 के लिए गन्ना किसानों के लिए 315 रुपये प्रति क्विंटल के अब तक के उच्चतम उचित और लाभकारी मूल्य को मंजूरी दे दी है. इस फैसले से 5 करोड़ गन्ना किसानों और उनके आश्रितों के साथ-साथ चीनी मिलों में कार्यरत 5 लाख श्रमिकों को लाभ होगा."

चीनी मिलों पर पड़ेगा असर
गन्ने के लिए एफआरपी आम तौर पर गन्ना उत्पादकों को गारंटीकृत मूल्य सुनिश्चित करने के लिए तय की जाती है और इस प्रकार यह ध्यान में नहीं रखा जाता है कि चीनी मिलें लाभ कमाएंगी या घाटे में रहेंगी. विश्लेषकों का मानना है कि उच्च एफआरपी आमतौर पर चीनी मिलों के मार्जिन को नुकसान पहुंचाती है. अधिकांश चीनी उद्योग के शेयर नकारात्मक क्षेत्र में कारोबार कर रहे हैं, भले ही सेंसेक्स और निफ्टी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए हों.

पहले भी बढ़ाई थी कीमत
वहीं सरकार ने पिछले साल अक्टूबर से शुरू होने वाले विपणन वर्ष 2022-23 के लिए गन्ना उत्पादकों को मिलों के जरिए भुगतान की जाने वाली न्यूनतम कीमत 15 रुपये बढ़ाकर 305 रुपये प्रति क्विंटल कर दी थी. इस निर्णय का उद्देश्य लगभग 5 करोड़ गन्ना किसानों और उनके आश्रितों के साथ-साथ चीनी मिलों और संबंधित सहायक गतिविधियों में कार्यरत लगभग 5 लाख श्रमिकों को लाभ पहुंचाना था.

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