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चीन का निकल रहा दम,भारत बम बम, अब जापान के इस झटके से हिला 'ड्रैगन'

कोरोना के बाद से चीन की अर्थव्यवस्था मुश्किल हालात में पहुंच चुकी है। देश का निर्यात लगातार घटता जा रहा है। बेरोजगारी ऐसे दौर में पहुंच चुकी है कि अब चीनी सरकार ने आंकड़ें जारी करना बंद कर दिया है। चीनी सरकार की सख्ती के चलते विदेशी कंपनियां चीन छोड़कर निकल रही हैं। रियल एस्टेट की खस्ताहा

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Zee News Desk|Updated: Dec 22, 2023, 07:28 PM IST

नई दिल्ली: कोरोना के बाद से चीन की अर्थव्यवस्था मुश्किल हालात में पहुंच चुकी है। देश का निर्यात लगातार घटता जा रहा है। बेरोजगारी ऐसे दौर में पहुंच चुकी है कि अब चीनी सरकार ने आंकड़ें जारी करना बंद कर दिया है। चीनी सरकार की सख्ती के चलते विदेशी कंपनियां चीन छोड़कर निकल रही हैं। रियल एस्टेट की खस्ताहालत ने बैंकिंग सेक्टर को भी अपनी चपेट में ले लिया है। चीन की बड़ी कंपनियां दिवालिया हो रही हैं।  वहीं घटती महंगाई चीन की मुश्किलों को बढ़ा रही हैं। कारोबार में जिनपिंग सरकार की बढ़ती दखलअंदाजी और चीन के गिरते विकास दर के अनुमान के चलते ऐपल, माइक्रॉन जैसी बड़ी कंपनियां वहां से अपना कारोबार समेट रही हैं। वहीं अब एक और बड़े बैंक का चीन से मोहभंग हो गया है। चीन से मुंहमोड़ कर जापान की सबसे बड़ी कंपनी भारत में बड़ा निवेश करने जा रही है।   

चीन से मोहभंग 

चीन की सरकार की नीतियों ने विदेशी कंपनियों को नाराज किया है। अब एक और बड़ी कंपनी का चीन से मोहभंग हो गया है और वो चीन का रास्ता छोड़ भारत का रूख कर रही है। जापान के सबसे बड़े बैंक मित्सुबिशी यूएफजे फाइनेंशियल ग्रुप इंक (MUFG) ने भारत में अपना कारोबार बढ़ाने का फैसला किया है। इस जापानी बैंक ने भारत की तेज रफ्तार से भाग रही इकॉनमी और विकास दर के अनुमानों को देखते हुए भारत में अपना निवेश बढ़ाने का फैसला किया है। आपको बता दें कि इस फाइनेंशियल ईयर में भारत की जीडीपी ग्रोथ के 7 फीसदी रहने का अनुमान है जो बड़े देशों में सबसे ज्यादा है। भारत कैपिटल मार्केट्स के लिए ब्राइट स्पॉट बनकर उभरा है। ऐपल, माइक्रॉन, टेस्ला जैसी बड़ी कंपनियां भारत में अपना कारोबार बढ़ाने में जुटी है।  दुनियाभर की प्राइवेट इक्विटी कंपनियां और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस भारत का रुख कर रहे हैं।

भारत की ओर देख रहीं विदेशी कंपनियां 

कोरोना महामारी का प्रकोप झेलने के बाद जिस तरह से भारत से कमबैक किया और इकॉनमी की रफ्तार को जारी रखा, उसने विदेशी कंपनियों को अपनी ओर आकर्षित किया है। भारत सरकार की नीतियों, सस्ता मैनपावर और कारोबार को लेकर विस्तृत बाजार जैसे कई कारक हैं, जो विदेशी कंपनियों को अपनी  ओर खींच रही हैं। जापान के सबसे बड़े बैंक एमयूएफजी के सीईओ हीरोनोरी कामेजावा ने भारत में अपना निवेश बढ़ाने को लेकर कहा कि भारत के लिए इकनॉमिक ग्रोथ कोई चुनौती नहीं है। यहां कारोबार को लेकर अनुकूल माहौल है, जिसकी वजह से कंपनी ने भारत में अपना निवेश बढ़ाया है।  MUFG के सीईओ हीरोनोरी कामेजावा ने कहा कि चीन के मुकाबले भारत में ज्यादा संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन के तौर पर भारत तेजी से उभर रहा है और वो ऐसे निवेशकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है, जो चीन से बचना चाहते हैं। बीते साल इस बैंक ने गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी में अपनी ब्रांच खोली थी। इसके अलावा कंपनी ने इसी महीने भारत की फिनटेक कंपनी डीएमआई फाइनेंश प्राइवेट लिमिटेड में भी निवेश किया है।  

 चीन की इकॉनमी को झटका  

 भारत और चीन के संबंध किसी से छिपी नहीं है। चीन जितना अपने दुख से दुखी नहीं है, उससे अधिक भारत की तरक्की को देखकर वो जलता है। ऐसे में भारत आ रही विदेशी कंपनियां चीन की मुश्किलों को बढ़ा रही है। चीन की इकॉनमी में विदेशी कंपनियां बड़ा रोल निभाती है, लेकिन जिस तरह से कंपनियां एक के बाद एक कर चीन से निकल रहा है, ड्रैगन की अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ता जा रहा है। 

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