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Inflation Rate: आम जनता को लगा झटका, अगस्त में और ज्यादा बढ़ेगी महंगाई, रिपोर्ट में हुआ खुलासा

Inflation Rtes Update: देशभर में इस समय तेजी से महंगाई बढ़ रही है. टमाटर से लेकर के दालों तक की कीमतों में इजाफा हो गया है. इसी बीच इंफ्लेशन को लेकर एक और अपडेट सामने आ रहा है.

Inflation Rate: आम जनता को लगा झटका, अगस्त में और ज्यादा बढ़ेगी महंगाई, रिपोर्ट में हुआ खुलासा
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Shivani Sharma|Updated: Jul 22, 2023, 07:03 AM IST

Inflation Rates Update: देशभर में इस समय तेजी से महंगाई बढ़ रही है. टमाटर से लेकर के दालों तक की कीमतों में इजाफा हो गया है. इसी बीच इंफ्लेशन को लेकर एक और अपडेट सामने आ रहा है. जापानी ब्रोकरेज फर्म नोमुरा ने शुक्रवार को कहा कि जुलाई और अगस्त के महीनों में सब्जियों की कीमतों के आसमान छूने से खुदरा मुद्रास्फीति के एक बार फिर छह प्रतिशत के ऊपर पहुंच जाने की आशंका है.

आरबीआई के लेवल से ऊपर होगी महंगाई
अगर ऐसा होता है तो यह रिजर्व बैंक के मुद्रास्फीति के संतोषजनक स्तर से अधिक होगा. सरकार ने रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत तक सीमित रखने का दायित्व सौंपा हुआ है.

सब्जियों के बढ़ रहे हैं दाम
नोमुरा ने अपनी टिप्पणी में कहा कि सब्जियों के दाम चढ़ने से सजग हुई सरकार खाद्य उत्पादों की आपूर्ति सुधारने के लिए कई कदम उठा सकती है. एक दिन पहले ही सरकार ने गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर रोक लगाई है.

सरकार उठाएगी कदम
नोमुरा ने कहा है कि जुलाई और अगस्त में खुदरा मुद्रास्फीति के छह प्रतिशत से अधिक रहने के आसार हैं. इसके पीछे सब्जियों के दाम में आई तेजी की अहम भूमिका होगी. हालांकि, हमें उम्मीद है कि सरकार आपूर्ति को सुधारने के लिए कदम उठाएगी."

जून में बढ़ी थी महंगाई
ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि इस साल के आखिर में कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और अगले साल अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए मुद्रास्फीति को काबू में रखना सरकार के लिए एक राजनीतिक प्राथमिकता भी होगी. जून में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 4.81 प्रतिशत हो गई जबकि मई में यह 4.31 प्रतिशत रही थी. इसके लिए खाद्य उत्पादों की कीमतों में आई तेजी को जिम्मेदार बताया गया था.

रेपो रेट्स में नहीं हुआ इजाफा
रिजर्व बैंक ने पिछले साल खुदरा मुद्रास्फीति के उच्च स्तर पर पहुंच जाने के बाद नीतिगत रेपो दर में वृद्धि कर मांग पर काबू पाने की रणनीति अपनाई है. लगातार कई बार रेपो दर में वृद्धि की गई और यह चार प्रतिशत से बढ़कर 6.50 प्रतिशत पर पहुंच गई। हालांकि पिछली दो द्विमासिक समीक्षा बैठकों में रेपो दर को स्थिर रखा गया है.

भाषा - एजेंसी

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