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Indian Railways: जनरल डिब्बे में जगह न मिले तो क्या स्लीपर कोच में कर सकते हैं यात्रा? जान लीजिए भारतीय रेलवे का ये नियम

Indian Railways General Coach Ticket Rules: अगर आपके पास ट्रेन में जनरल डिब्बे का टिकट हो लेकिन उसमें आपको पैर रखने तक की जगह न मिले क्या आप स्लीपर कोच में सफर कर सकते हैं? यह एक ऐसा सवाल है, जिसका जवाब अधिकतर लोगों को नहीं पता होगा. आज हम इस पर अहम जानकारी देने जा रहे हैं. 

Indian Railways: जनरल डिब्बे में जगह न मिले तो क्या स्लीपर कोच में कर सकते हैं यात्रा? जान लीजिए भारतीय रेलवे का ये नियम
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Devinder Kumar|Updated: Feb 19, 2023, 02:08 AM IST

Can travel in sleeper coach if seat is not available in general coach: भारतीय रेलवे देश की लाइफलाइन है. कम किराया और सुविधाजनक सफर की वजह से देश की अधिकतर आबादी एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए इसी में सफर करती है. सफर में किसी तरह की परेशानी न हो, इससे बचने के लिए लोग करीब 4 महीने पहले ही सीट बुक करवा लेते हैं. कई बार हमें इमरजेंसी में भी सफर करना पड़ता है, जिसके लिए हम तत्काल टिकट बुक करवाते हैं. लेकिन अगर तत्काल टिकट न मिले तो फिर जनरल डिब्बे में चढ़कर सफर करने का ही विकल्प बचता है. 

जनरल डिब्बे में सीट न मिलने पर क्या करें?

जरा सोचिए, आपके पास जनरल डिब्बे का टिकट (Indian Railway General Coach Ticket Rules) है लेकिन उसमें भीड़ खचाखच भरी है और आप चाहकर भी उसमें चढ़ नहीं पा रहे हैं तो आप क्या करेंगे. क्या आप वह ट्रेन छोड़ देंगे या फिर रिस्क लेकर दूसरे रिजर्व डिब्बे में चढ़ जाएंगे. अगर रिजर्व डिब्बे में चढ़ गए तो वहां पर पैनल्टी लगेगी या नहीं. ऐसे कई सवाल आपके मन में अक्सर घुमड़ते होंगे, जिसका आज हम विस्तार से जवाब देने जा रहे हैं. इसे पढ़कर आपके मन में काफी चीजें क्लियर हो जाएंगी. 

जान लें रेलवे का यह काम का नियम

रेलवे एक्ट 1989 के तहत अगर आपकी यात्रा 199 किमी या उससे कम दूरी की है तो आपके जनरल डिब्बे के टिकट की वैलिडिटी 3 घंटे की होगी. जबकि इससे ज्यादा दूरी होने पर वैलिडिटी बढ़कर 24 घंटे की हो जाती है. ट्रेन आने पर अगर उसके जनरल कोच में पैर रखने की भी जगह नहीं दिख रही है तो आपको नियम के अनुसार अगली ट्रेन का इंतजार करना होगा.

स्लीपर कोच में कर सकते हैं सफर

अगर आपकी यात्रा 199 किमी से कम की है और अगले 3 घंटे तक उस रूट पर जाने वाली कोई ट्रेन नहीं आनी है तो आप उसी रेल के स्लीपर क्लास में यात्रा करने के अधिकारी हैं. हालांकि आपको उस डिब्बे (Indian Railway General Coach Ticket Rules) में सीट नहीं मिल सकती है. उस ट्रेन में TTE के आने पर आपको यह बताना होगा कि आप किस वजह से उस स्लीपर क्लास कोच में आए हैं. 

टीटीई आपको दे सकता है सीट

इस दौरान अगर स्लीपर क्लास में कोई सीट खाली होती है तो TTE आपसे दोनों श्रेणियों के टिकट का अंतर लेकर स्लीपर क्लास का टिकट दे देगा, जिसके बाद आप मजे से सोते हुए यात्रा कर सकेंगे. अगर स्लीपर कोच में कोई सीट खाली नहीं होती है तो टीटीई आपको अगले स्टेशन तक यात्रा करने की अनुमति दे सकता है. इसके बाद भी अगर आप स्लीपर क्लास से बाहर नहीं जाते हैं तो वह आप पर ढाई सौ रुपये का जुर्माना लगा सकता है. 

आपका सामान नहीं हो सकता जब्त

अगर आपके जुर्माने के पैसे नहीं हैं तो वह आपको एक चालान बनाकर देगा, जिसे आपको कोर्ट में जमा करना होगा. यहां बड़ी बात ये है कि टीटीई या दूसरे पुलिसकर्मी आपको किसी भी हाल में स्लीपर क्लास (Indian Railway General Coach Ticket Rules)से निकाल नहीं सकते और न ही आपका सामान जब्त कर सकते हैं. वे केवल आप पर जुर्माना लगा सकते हैं. जिसे चुकाकर आप स्लीपर क्लास में बिना सीट के बने रह सकते हैं. 

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