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Indian Railways: भारतीय रेलवे का वह अनोखा स्टेशन, जहां एक प्लेटफॉर्म से दूसरे प्लेटफार्म पर जाने के लिए चलना पड़ता है 2 किमी पैदल

Indian Railways Interesting Facts: आपने आज तक अपनी जिंदगी में कई रेलवे स्टेशन देखे होंगे. लेकिन क्या आप भारत में ऐसे किसी रेलवे स्टेशन के बारे में जानते हैं, जिसके 2 प्लेटफॉर्मों के बीच में दूरी 2 किमी है. 

Indian Railways: भारतीय रेलवे का वह अनोखा स्टेशन, जहां एक प्लेटफॉर्म से दूसरे प्लेटफार्म पर जाने के लिए चलना पड़ता है 2 किमी पैदल
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Devinder Kumar|Updated: May 03, 2023, 07:05 AM IST

Platforms at 2 km Distance at Barauni Junction: आपने ट्रेनों में कई बार सफर किया होगा. भारतीय रेलवे की ये ट्रेनें और स्टेशन अपने साथ कई ऐसे दिलचस्प इतिहास समेटे हुए हैं, जिनके बारे में जानकर आप दंग रह जाएंगे. आज हम आपको ऐसे ही एक रेलवे स्टेशन के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसमें 2 प्लेटफार्म हैं लेकिन उन दोनों के बीच दूरी करीब 2 किलोमीटर की है. यानी कि अगर किसी यात्री को एक प्लेटफार्म (Indian Railways Interesting Facts) पर उतरकर दूसरे प्लेटफार्म से आगे के लिए ट्रेन पकड़नी होती है तो उसे करीब 2 किमी दूर पैदल या ऑटो में जाना पड़ता है. आइए आपको बताते हैं कि यह अनोखा रेलवे कहां पर है और इसके दोनों प्लेटफॉर्म के बीच इतनी दूरी क्यों हैं.

इस राज्य में बना हुआ है स्टेशन

भारतीय रेलवे का यह अनोखा रेलवे स्टेशन बिहार के बेगूसराय जिले के बरौनी (Barauni Junction) गांव नाम के कस्बे में बना हुआ है. यह एक औद्योगिक कस्बा है, जो गंगा नदी के किनारे बसा हुआ है. वहां पर कई तेल रिफाइनरी और थर्मल पावर प्लांट हैं. इस कस्बे के नाम पर इस अनोखे रेलवे स्टेशन का नाम बरौनी जंक्शन रखा गया. इस जंक्शन का निर्माण वर्ष 1883 में उस समय हुआ, जब देश पर अंग्रेजों का राज था. उस समय आबादी कम थी, इसलिए इस स्टेशन पर केवल एक प्लेटफार्म नंबर-1 बनाया गया था. 

शुरू में केवल मालगाड़ी रुका करती थीं

जब यह स्टेशन (Barauni Junction) शुरू हुआ तो उस समय वहां पर केवल मालगाड़ी रुका करती थी, जो तेल रिफाइनरी से तेल भकर विभिन्न जिलों और मंडलों में सप्लाई किया करती थीं. कुछ अरसे बाद लोगों ने अंग्रेज अधिकारियों से स्टेशन पर सवारी गाड़ी चलाने की मांग की लेकिन उस प्लेटफार्म पर मालगाड़ियों की भारी आवाजाही को देखते हुए करीब 2 किमी दूसरा रेलवे स्टेशन बनाने का फैसला लिया गया. 

लोगों की सुविधा के लिए 2 किमी दूरी पर नया स्टेशन

 बरौनी जंक्शन बनकर तैयार हुआ था. उस समय इस रेलवे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म की संख्या एक से शुरू होती थी. बरौनी जंक्शन से विभिन्न मंडलों में ट्रेनें चलती थीं. लेकिन प्लेटफॉर्म नंबर एक पर केवल  मालगाड़ी खड़ी हुआ करती थी. कुछ समय बाद वहाँ के लोगों ने शिकायत की, लोगों की शिकायत के बाद एक और बरौनी जंक्शन बनाने का फैसला किया गया. पहले वाले का नाम बरौनी जंक्शन और दूसरे वाले का नाम बरौनी रेलवे स्टेशन रखा गया. इस प्रकार एक ही नाम के 2 स्टेशन बन गए.

दोनों जगह बनाए गए 1-1 प्लेटफार्म

मजेदार बात ये रही कि नए रेलवे स्टेशन (Barauni Junction) पर भी केवल एक ही प्लेटफार्म रखा गया. जिसका नाम भी प्लेटफॉर्म नंबर-1 ही रखा गया. इस प्रकार एक ही रेलवे स्टेशन पर 2 किमी की दूरी पर 2 प्लेटफॉर्म बना दिए गए. रेलवे की इस गजब कार्यशैली से लोगों की समस्या सुधरने के बजाय और बढ़ गई. बाद में पुराने बरौनी रेलवे स्टेशन प्लेटफार्म नंबर-1 हटाकर 2 लिखवा दिया गया. जबकि नए स्टेशन पर प्लेटफार्म नंबर-1 ही लिखा रहा. 

आजादी के बाद नए बने बरौनी रेलवे स्टेशन का नामकरण न्यू बरौली जंक्शन (Barauni Junction) किया गया. हालांकि इसके बावजूद लोगों की दिक्कतें अब भी कम नहीं हुई हैं और लगभग एक ही नाम वाले दोनों स्टेशनों के प्लेटफार्मों की दूरी 2 किमी बनी हुई है. 

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