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जो कभी अमेरिका को देता था टक्कर, जल्द उसे पीछे छोड़ देगा भारत, बन जाएगा चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था

India Overtake Japan:   भारत की तेज रफ्तार अर्थव्यवस्था अगले एक साल में उसे नई ऊंचाईयों पर पहुंचा देगी. आईएमएफ के मुताबिक साल 2025 में भारत की इकोनॉमी का साइज 4.34 ट्रिलियन डॉलर पहुंच जाएगा तो वहीं जापान की इकॉनमी 4.31 ट्रिलियन डॉलर रह जाएगी.  

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Bavita Jha |Updated: May 14, 2024, 04:35 PM IST

Indian Economy:  भारत की तेज रफ्तार अर्थव्यवस्था अगले एक साल में उसे नई ऊंचाईयों पर पहुंचा देगी. केंद्र की मोदी सरकार ने दावा किया कि भारत अगले पांच सालों में विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा तो वहीं अब नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने कहा है कि अगर भारत की अर्थव्यवस्था इसी रफ्तार से बढ़ती रही तो अगले साल यह जापान को पछाड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन जाएगा. आईएमएफ के मुताबिक साल 2025 में भारत की इकोनॉमी का साइज 4.34 ट्रिलियन डॉलर पहुंच जाएगा तो वहीं जापान की इकॉनमी 4.31 ट्रिलियन डॉलर रह जाएगी.  

भारत की अर्थव्यवस्था 
नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत (Amitabh Kant) ने कहा कि साल 2025 भारत का साल होगा. उन्होंने कहा कि अगले साल भारत जापान को पछाड़कर चौथी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन जाएगा.  वर्तमान में भारत से आगे अमेरिका, चीन, जर्मनी और जापान है. साल 2022 में भारत ब्रिटेन को पछाड़कर विश्व की टॉप 5 अर्थव्यवस्था में शामिल हो गया. 3.7 ट्रिलियन डॉलर जीडीपी वाला भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है. अमिताभ कांत ने कहा कि जीएसटी कलेक्शन में रिकॉर्ड उछाल, जीडीपी के आंकड़ें, बढ़ता निर्यात, नियंत्रित महंगाई जैसे फैक्टर्स भारत के पक्ष में है. ऐसा ही जारी रहा तो भारत जल्द ही जापान से आगे निकल जाएगा.  

क्यों पिछड़ रहा जापान  

एक वक्त था, जब जापान की इकोनॉमी अमेरिका की बादशाहत के लिए खतरा बन गई थी. जापान की इकोनॉमी तेज रफ्तार के साथ बढ़ रही थी. साल 2010 में जापान दूसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी था. माना जा रहा था कि वो जल्द ही अमेरिका को पछाड़ देगा, लेकिन जापान की इकोनॉमी में ऐसी सुस्ती आई, जिसका असर अब तक खत्म नहीं हुआ. जापान की कमजोर होती मुद्रा येन ने सारे अनुमानों पर पानी फेर दिया. जापान की मुद्रा येन में कमजोरी के बाद अनुमानों में बदलाव आया. येन की वैल्यू यूरो की तुलना में 40 फीसदी फिसल गई.  इतना ही नहीं जानकारों का कहना है कि जापान बूढ़ा हो रहा है. वहां की सरकार अभी भी पुराने तौर तरीके को ही पसंद करते हैं. कोरोना महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध ने जापानी इकोनॉमी पर बुरा असर डाला है. 

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