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Independence Day: आजादी से पहले लॉन्च हुए थे ये प्रॉडक्ट, आज भी है लोगों के हैं फेवरेट, बच्चा-बच्चा जानता है नाम

Independence: भारत को 1947 में आजादी मिली. वहीं भारत को मिली आजादी से पहले कई भारतीय कंपनियां अपना व्यापार शुरू कर चुकी थी. इनमें से कई कंपनियां ऐसी भी हैं, जो आज भी चल रही है और जिनके प्रोडक्ट आज भी लोगों के फेवरेट बने हुए हैं.

Independence Day: आजादी से पहले लॉन्च हुए थे ये प्रॉडक्ट, आज भी है लोगों के हैं फेवरेट, बच्चा-बच्चा जानता है नाम
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Himanshu Kothari|Updated: Aug 15, 2023, 01:18 PM IST

Independence Day 2023: भारत को 1947 में आजादी मिली. वहीं भारत को मिली आजादी से पहले कई भारतीय कंपनियां अपना व्यापार शुरू कर चुकी थी. इनमें से कई कंपनियां ऐसी भी हैं, जो आज भी चल रही है और जिनके प्रोडक्ट आज भी लोगों के फेवरेट बने हुए हैं. व्यापार के मामले में आजादी से पहले लॉन्च किए गए कई भारतीय प्रॉडक्ट आज भी अस्तित्व में हैं और फल-फूल रहे हैं. ऐसे में आइए जानते हैं ऐसे कुछ प्रॉडक्ट्स के बारे में जिनकी शुरुआत आजादी से पहले ही की जा चुकी थी. 

बोरोलीन
प्रतिस्पर्धी कॉस्मेटिक दुनिया के बीच बोरोलीन ने अपने अस्तित्व के 94 वर्षों में अभी भी अपना अस्तित्व नहीं खोया है. बोरोलीन का निर्माण कोलकाता स्थित जीडी फार्मास्यूटिकल्स के जरिए किया जाता है. आजादी से पहले ही इस प्रॉडक्ट की शुरुआत हो चुकी थी.

रूह अफ़ज़ा
आजादी से पहले का एक और ब्रांड रूह अफ़ज़ा है, जो गर्मी से राहत पाने के लिए एक हर्बल मिश्रण के रूप में शुरू हुआ था, लेकिन बाद में यह एक प्रमुख उत्पाद बन गया. रूह अफ़ज़ा की शुरुआत 1907 में हकीम हाफ़िज़ अब्दुल मजीद के जरिए की गई थी और इसे पुरानी दिल्ली से लॉन्च किया गया था. वर्तमान में रूह अफ़ज़ा का निर्माण मजीद और उनके बेटों द्वारा स्थापित कंपनियों के जरिए किया जाता है.

मैसूर सैंडल साबुन
साबुन से जुड़े कई ब्रांड आजादी से पहले के चल रहे हैं. इनमें से एक साबुन मैसूर सैंडल साबुन भी है. यह साबुन 1916 से अस्तित्व में है, जब मैसूर के राजा कृष्ण राजा वाडियार चतुर्थ ने बेंगलुरु में सरकारी साबुन फैक्ट्री की स्थापना की थी.

पारले-जी
इसके साथ ही एक काफी प्रतिष्ठित प्रॉडक्ट पारले-जी भी इस लिस्ट में शामिल है. पारले-जी बिस्किट का इस्तेमाल लोगों के जरिए आज भी किया जाता है. पारले हाउस की स्थापना 1928 में मोहनलाल दयाल ने की थी, लेकिन 1939 से पारले-जी बिस्किट का निर्माण किया जा रहा है.

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