trendingNow12269358
Hindi News >>बिजनेस
Advertisement

लंबे इंतजार के बाद चीन ने ली राहत की सांस, फिर भी भारत से कोसों दूर ड्रैगन, जानिए क्या है पूरा मामला

 कोरोना के बाद से चीन की अर्थव्यवस्था हिली हुई है. चीन का रियल एस्टेट सेक्टर डूबने की कगार पर है. मंदी की चपेट बैंकिंग सेक्टर तक पहुंचने लगी है.

china
Stop
Bavita Jha |Updated: May 29, 2024, 09:20 PM IST

China Economy: कोरोना के बाद से चीन की अर्थव्यवस्था हिली हुई है. चीन का रियल एस्टेट सेक्टर डूबने की कगार पर है. मंदी की चपेट बैंकिंग सेक्टर तक पहुंचने लगी है. मंहगाई घटती जा रही है तो वहीं बेरोजगारी चरम पर पहुंच चुकी है.  चीन की अर्थव्यवस्था लंबे वक्त से खस्ताहाल इकोनॉमी और गिरते जीडीपी से जूझ रहा है. लंबे वक्त के बाद चीन ने राहत की सांस ली है. आर्थिक मोर्चे पर चीन के लिए खुश होने वाली खबर आई है.  

जीडीपी आंकड़ों से गदगद चीन 

आईएमएफ ने 2024 के लिए चीन की जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान बढ़ाकर पांच प्रतिशत कर दिया है. अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने बुधवार को चीन की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को पहले के 4.6 प्रतिशत से बढ़ाकर पांच प्रतिशत कर दिया है. हालांकि, वैश्विक संस्था ने आगाह किया है कि वृद्धावस्था और उत्पादकता वृद्धि में कमी के कारण 2029 तक यह घटकर 3.3 प्रतिशत रह जाएगी. आईएमएफ ने सुझाव दिया है कि आर्थिक सुधारों को जारी रखने के लिए उत्पादकता को बढ़ावा दिया जाना चाहिए.

आईएमएफ द्वारा पांच प्रतिशत की वृद्धि दर का संशोधन चीन सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप है. विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था संपत्ति क्षेत्र के संकट और अत्यधिक औद्योगिक क्षमता के कारण मंदी से जूझ रही है. आईएमएफ की प्रथम उप-प्रबंध निदेशक गीता गोपीनाथ ने चीन की आर्थिक नीतियों की वार्षिक समीक्षा के बाद यहां मीडिया को बतायाकि चीन की आर्थिक वृद्धि 2024 में पांच प्रतिशत पर स्थिर रहने का अनुमान है और 2025 में यह धीमी होकर 4.5 प्रतिशत पर आ जाएगी.

संपत्ति बाजार में मंदी और घरेलू मांग में कमी के बावजूद पहली तिमाही में चीन की अर्थव्यवस्था 5.3 प्रतिशत की दर से बढ़ी. गोपीनाथ ने कहा कि अप्रैल के अनुमानों की तुलना में दोनों साल के लिए 0.4 प्रतिशत अंक का संशोधन मजबूत पहली तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) आंकड़ों और हालिया नीति उपायों से प्रेरित है. गोपीनाथ ने आईएमएफ के अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर चीन के वित्त मंत्रालय और बैंकों के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की और देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति पर चर्चा की.

उन्होंने कहा,  मध्यम अवधि में आबादी की बढ़ती उम्र और धीमी उत्पादकता वृद्धि के कारण 2029 तक वृद्धि दर घटकर 3.3 प्रतिशत रहने की आशंका है. चीन का संपत्ति क्षेत्र पिछले कुछ साल में देश की अर्थव्यवस्था का प्रमुख हिस्सा रहा है. हालांकि, इसके अपनी कमज़ोरी पर बने होने के कारण व्यापक संकट पैदा हो रहा है.  लंबे समय तक असमंजस में रहने के बाद चीन ने अंततः इसी महीने अपने विशाल संपत्ति क्षेत्र के लगभग ढह जाने की स्थिति से निपटने के लिए कदम उठाया. उसने बिना बिके घरों को वापस खरीदने और बेकार पड़ी जमीनों को खरीदने के लिए अरबों डॉलर आवंटित किए, ताकि अपने दिवालिया हो चुके रियल एस्टेट क्षेत्र को फिर खड़ा किया जा सके. 

फिर भी भारत से दूर  

चीन के जीडीपी ग्रोथ के आंकड़ें भले बेहतर हो गए हो. आईएमएफ ने ग्रोथ के अनुमान को भले ही बढ़ाकर 5 फीसदी कर दिया, लेकिन फिर भी चीन भारत के सामने टिक नहीं पा रहा है. जीडीपी ग्रोथ मामले में जहा अमेरिता 1.5 फीसदी, दापान 1 फीसदी, यूके 0.6 फीसती की दर से बढ़ रहा है तो वहीं भारत की सालाना ग्रोथ 6.3 फीसदी की रफ्तार से बढ़ रही है. 

Read More
{}{}