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IMF ने GDP ग्रोथ रेट का अनुमान बढ़ाया, 6.1 प्रतिशत से बढ़कर अब इतना क‍िया आंकड़ा

GDP Growth: आईएमएफ की तरफ से अपनी रिपोर्ट में कहा गया क‍ि भारत में विकास 2023 और 2024 दोनों में 6.3 प्रतिशत मजबूत रहने का अनुमान है. 2023 के लिए 0.2 प्रतिशत अंक की वृद्धि के साथ, यह अप्रैल-जून के दौरान उम्मीद से ज्‍यादा मजबूत खपत को द‍िखाता है.

IMF ने GDP ग्रोथ रेट का अनुमान बढ़ाया, 6.1 प्रतिशत से बढ़कर अब इतना क‍िया आंकड़ा
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Kriyanshu Saraswat|Updated: Oct 10, 2023, 03:33 PM IST

GDP Growth Forecast: अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने तीन महीने में दूसरी बार भारत के लिए 2023-24 जीडीपी वृद्धि का अनुमान बढ़ाया है. इस बार अनुमान बढ़कर 6.5 प्रतिशत के करीब पहुंच गया है. 10 अक्टूबर को जारी आउटलुक रिपोर्ट के अनुसार, देश की जीडीपी इस साल 6.3 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है. यह जुलाई के अंत में लगाए गए अनुमान से 20 बेस‍िस प्‍वाइंट ज्‍यादा है. आईएमएफ ने अगले साल के ल‍िए पूर्वानुमान में क‍िसी तरह का बदलाव नहीं किया है और 2024-25 में भारत की जीडीपी में 6.3 प्रतिशत की वृद्धि जारी रहेगी.

आईएमएफ ने जुलाई में इस साल के ल‍िए भारत की विकास दर का अनुमान 20 बेस‍िस प्‍वाइंट बढ़ाकर 6.1 प्रतिशत कर दिया था. अब यह आंकड़ा 6.3 प्रतिशत पर पहुंच गया है. आईएमएफ की तरफ से अपनी रिपोर्ट में कहा गया क‍ि भारत में विकास 2023 और 2024 दोनों में 6.3 प्रतिशत मजबूत रहने का अनुमान है. 2023 के लिए 0.2 प्रतिशत अंक की वृद्धि के साथ, यह अप्रैल-जून के दौरान उम्मीद से ज्‍यादा मजबूत खपत को द‍िखाता है.'

आईएमएफ (IMF) का हाल‍िया विकास पूर्वानुमान 31 अगस्त को सांख्यिकी मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के करीब एक महीने बाद आया है. जिसमें दिखाया गया कि अप्रैल-जून में भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. यह अर्थशास्त्रियों के 7.7 प्रतिशत के अनुमान से थोड़ा ज्‍यादा है. लेकिन यह आंकड़ा आरबीआई की तुलना में कम है. आरबीआई का नजर‍िया 8.0 प्रतिशत का है.

दूसरी तरफ आईएमएफ (IMF) ने चेताया कि ऊंची ब्याज दर, यूक्रेन में चल रहे युद्ध और बढ़ते भूराजनीतिक तनाव के कारण दुन‍िया की अर्थव्यवस्था अपनी गति खो रही है. आईएमएफ (IMF) ने अनुमान जताया कि साल 2024 में वैश्‍व‍िक आर्थिक गत‍ि धीमी होकर 2.9 प्रतिशत रह जाएगी, जिसके इस साल 3 प्रतिशत रहने की उम्मीद है. अगले साल के लिए पूर्वानुमान जुलाई में अनुमानित तीन प्रतिशत से कम है. यह सुस्ती ऐसे समय में आई है, जब दुनिया विनाशकारी कोविड-19 महामारी के प्रकोप से पूरी तरह उबर नहीं पाई है.

महामारी और यूक्रेन पर रूस के हमले सहित कई झटकों के कारण पिछले तीन सालों में दुनियाभर के आर्थिक उत्पादन में कोविड-पूर्व रुझानों की तुलना में करीब 3,700 अरब अमेरिकी डॉलर की कमी आई है. आईएमएफ के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे-ओलिवियर गौरीचस ने मोरक्को के माराकेच में आईएमएफ (IMF) और वर्ल्‍ड बैंक की बैठक से पहले मीड‍िया से कहा कि पंगु पड़ी व‍िश्‍व अर्थव्यवस्था अपनी गति खो रही है.

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