trendingNow11516237
Hindi News >>बिजनेस
Advertisement

Indian startup success stories: नीम फ्लेवर का साबुन बनाकर खड़ी कर दी करोड़ों की कंपनी, ऐसे कमाया इंडियन मार्केट से पैसा

History of margo soap: भारतीय बाजार में कई ब्रांड आए. जिसमें से कुछ ने सदियों तक मार्केट पर राज करा. ऐसे ही आज हम आपको एक साबुन के बारे में बता रहे हैं. जो 100 साल से भी ज्‍यादा समय से लोगों के द्वारा खरीदा जा रहा है.  

 Indian startup success stories: नीम फ्लेवर का साबुन बनाकर खड़ी कर दी करोड़ों की कंपनी, ऐसे कमाया इंडियन मार्केट से पैसा
Stop
Zee News Desk|Updated: Jan 05, 2023, 11:28 PM IST

Indian Superbrands Story: ये बात उस समय की है, जब अंग्रेज बंगाल से देश पर राज करते थे. उस दौरान कलकत्ता ही बड़ा बिजनेस हब हुआ करता था. इसी वजह से आप पाएंगे कि उस समय के सभी बिजनेस का कोई न कोई रिलेशन कलकत्ता (अब कोलकाता ) से जरूर रहता था. ऐसे में स्‍वदेशी आंदोलन से भी कई कंपनियां बाहर निकली थीं. उसमें से कई कंपनियां आज भी अपना मार्केट बनाए हुए है. हम आपको Margo साबुन के बारे में बता रहे हैं. किसी जमाने में इस साबुन को बहुत तवज्‍जो दी जाती थी. इसके औषधीय गुण की वजह से ये मार्केट में खुब बिका. आज भी ये साबुन मार्केट में बना हुआ है. आइए जानते हैं इस साबुन का इतिहास.      

देसी चीज को बनाया ब्रांड 

के. सी. दास केमिस्ट्री के ज्ञाता थे, उन्‍होंने इसी विषय से पढ़ाई भी की थी. इसी वजह से वे नीम का फायदे जानने में सफल हुए. वैसे भी नीम के फायदे देश की जनता भी जानती थी. बस फिर क्‍या था, उन्‍होंने इसी पहचान का सही फायदा उठाया और नीम को साबुन की शक्‍ल दे डाली और इस तरह मार्केट में मार्गो साबुन वजूद में आ गया. इसके साथ ही Neem Toothpaste भी उन्‍होंने बनाया. इसके अलावा लैंवेंडर ड्यू नाम का एक प्रोडक्‍ट भी उस दौरान मार्केट में धूम मचा चुका था. इसके बाद कंपनी ने एरामस्क सोप, महाभृंगराज ऑयल और चेक डिटर्जेंट जैसे दूसरे प्रोडक्ट भी बनाए.

क्‍यों हुआ फेमस 

इस साबुन कंपनी के मालिक के. सी. दास ने मार्गो साबुन का रेट इस तरह तय किया कि मार्केट में हर वर्ग का आदमी उस प्रोडक्‍ट को खरीद सके. इसी वजह से मार्गो देशभर में फेमस हो गया. उस जमाने में लोगों ने इस साबुन को हाथों हाथ खरीदा और कुछ ही सालों में कंपनी को तमिलनाडु में भी मैन्यूफैक्चरिंग प्‍लांट खोलना पड़ा. 1990 के दशक में मार्गो साबुन का जलवा था. इसे आप ऐसे भी समझ सकते हैं क‍ि 1988 में इंडियन मार्केट में इसकी हिस्सेदारी लगभग 8 प्रतिशत से ज्यादा थी. इस साबुन को बाद में 75 करोड़ रुपये में हेंकेल कंपनी ने खरीद लिया. साल 2011 में ज्योति लैबोरेटीज ने इस ब्रांड से जुड़े सभी अधिकार खरीद लिए. अब ये कंपनी मार्गो ब्रांड नाम से साबुन के अलावा फेसवॉश, हैंडवॉश और सैनेटाइजर भी बेचती है. इसके अलावा Neem Toothpaste को Neem Active ब्रांड के नाम के बेचा जाता है.

पाठकों की पहली पसंद Zeenews.com/Hindi   अब किसी और की जरूरत नहीं

Read More
{}{}