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Onion Price: अब महंगी नहीं होगी प्‍याज, राहत देने के ल‍िए सरकार बनाएगी 7 लाख टन का बफर स्‍टॉक

Onion Price Hike: सरकार की तरफ से बताया गया क‍ि निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का किसानों पर क‍िसी प्रकार का असर नहीं होगा, क्योंकि सरकारी खरीद जारी है. इस साल अबतक 5.10 लाख टन प्याज की खरीद की जा चुकी है. करीब दो लाख टन प्याज फसल की और खरीद की जायेगी.

Onion Price: अब महंगी नहीं होगी प्‍याज, राहत देने के ल‍िए सरकार बनाएगी 7 लाख टन का बफर स्‍टॉक
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Kriyanshu Saraswat|Updated: Dec 12, 2023, 10:16 AM IST

Onion Price News: सरकार ने प्‍याज की बढ़ती कीमत पर लगाम लगाने के ल‍िए मार्च, 2024 तक एक्‍सपोर्ट पर रोक लगा दी है. महाराष्ट्र में प्याज किसानों के विरोध के बीच अब सरकार ने एक और बड़ा फैसला क‍िया है. केंद्र ने कहा कि वह किसानों के हित की रक्षा के लिए सभी मंडियों से बफर स्टॉक के लिए करीब दो लाख टन खरीफ प्याज फसल खरीदेगी. खरीद यह सुन‍िश्‍च‍ित करेगी कि घरेलू थोक दरें स्थिर रहें और प्रतिबंध के कारण तेज गिरावट न आये. दूसरी ओर, सरकार ने कहा कि बफर स्टॉक का इस्तेमाल खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी को रोकने के लिए किया जाएगा.

महाराष्ट्र के नासिक में प्याज किसानों ने विरोध किया

प्याज की घरेलू उपलब्धता बढ़ाने और कीमत पर लगाम लगाने के ल‍िए केंद्र सरकार ने आठ दिसंबर को अगले साल 31 मार्च तक प्याज के निर्यात पर रोग लगा दी है. इसके चलते महाराष्ट्र के नासिक जिले में प्याज किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया. उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा, ‘निर्यात प्रतिबंध का किसानों पर कोई असर नहीं होगा क्योंकि सरकारी खरीद जारी है. इस साल अबतक हमने 5.10 लाख टन प्याज की खरीद की है. करीब दो लाख टन खीफ प्याज फसल की और खरीद की जायेगी.’

बफर स्टॉक का लक्ष्य बढ़ाकर 7 लाख क‍िया गया
आमतौर पर सरकार रबी प्याज के लंबे समय तक खराब नहीं होने की गुणवत्ता को देखते हुए इसकी खरीद करती है. हालांकि, पहली बार सरकार किसानों के हितों की रक्षा करने और खुदरा बाजार में कीमत में बढ़ोतरी को रोकने के लिए खरीफ प्याज फसल की खरीद करेगी. सरकार बफर स्टॉक बनाए रखने और घरेलू उपलब्धता को बढ़ावा देने व कीमत पर लगाम लगाने के लिए बाजार हस्तक्षेप के लिए प्याज की खरीद कर रही है. सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बफर स्टॉक का लक्ष्य बढ़ाकर सात लाख टन कर दिया है. प‍िछले साल यह स्टॉक तीन लाख टन का ही था.

पिछले दो महीने में रियायती दर पर बेची प्‍याज
सिंह के अनुसार, बफर स्टॉक के लिए किसानों से करीब 5.10 लाख टन प्याज खरीदा गया है, जिसमें से 2.73 लाख टन का बाजार हस्तक्षेप के तहत थोक मंडियों में निपटान किया गया है. उन्होंने कहा कि पिछले 50 दिन में 218 शहरों में खुदरा बाजार में लगभग 20,718 टन प्याज रियायती दरों पर बेचा गया, जबकि खुदरा बिक्री अब भी जारी है. कुमार ने कहा कि बाजार में हस्तक्षेप जारी रहेगा क्योंकि वर्ष 2023 का खरीफ उत्पादन थोड़ा कम होने की उम्मीद है और मौसम के कारण फसल की आवक में भी देरी हो रही है.

महंगी प्‍याज से म‍िलेगी राहत
थोक और खुदरा बाजारों में 5.10 लाख टन बफर प्याज के निपटान के बाद सरकार के पास एक लाख टन प्याज का स्टॉक बचा है. सरकार ने किसानों को कीमतों में गिरावट से बचाने के लिए इस साल फरवरी में थोड़ी मात्रा में देर से आने वाले खरीफ प्याज की खरीद की थी. उन्होंने कहा कि इस बार बाजार में हस्तक्षेप के लिए पहली बार खरीफ फसल की खरीद की जाएगी. उन्होंने कहा, 'प्याज का बफर स्टॉक बनाए रखकर सरकार यह संकेत देती है कि अगर व्यापारी जमाखोरी करते हैं और कीमतें बढ़ाते हैं तो इसे बाजार में कभी भी बेचा जा सकता है.'

सिंह ने कहा कि रबी की अच्छी फसल के कारण इस साल जून तक प्याज की कीमतें नियंत्रण में थीं. हालांकि, जुलाई के बाद, जब प्याज का मौसम नहीं होने के दौरान भंडारित प्याज की खपत की जाती है, तो रबी प्याज की गुणवत्ता और देर से हुई खरीफ बुवाई पर चिंताओं के कारण कीमतें बढ़ने लगीं. उन्होंने कहा कि इसके चलते जुलाई में सरकार ने प्याज निर्यात को प्रतिबंधित करने के लिए प्याज पर न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) लगाया. हालांकि, इससे कोई फायदा नहीं हुआ और घरेलू हितों की रक्षा के लिए निर्यात पर प्रतिबंध लगाना पड़ा.

उन्होंने कहा कि प्याज की अखिल भारतीय औसत खुदरा कीमतें आठ दिसंबर को घटकर 56 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई हैं, जो आठ नवंबर को 59.5 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जबकि खरीफ की फसल में देरी, मौसम संबंधी समस्याओं के कारण खरीफ उत्पादन प्रभावित हुआ, तुर्की और मिस्र द्वारा लगाए गए निर्यात प्रतिबंध के कारण वैश्विक आपूर्ति में बाधा आई. (इनपुट : भाषा)

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