Gratuity and Pension Rule: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए जनवरी के महंगाई भत्ते का ऐलान जल्द होने वाला है. इस बार इसकी घोषणा के लिए करोड़ों कर्मचारियों और पेंशनर्स को इंतजार करना पड़ रहा है. दूसरी तरफ पिछले दिनों सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए सख्त चेतावनी भी जारी की है. अगर कर्मचारियों की तरफ से इसे अनदेखा किया गया तो उसके लिए यह भारी पड़ सकता है. इतना ही नहीं रिटायरमेंट के बाद पेंशन और ग्रेच्युटी से भी वंचित होना पड़ सकता है.
केंद्रीय कर्मचारियों पर लागू होगा आदेश
यदि कोई कर्मचारी नौकरी के दौरान काम में लापरवाही करता है तो रिटायरमेंट के बाद उसकी पेंशन और ग्रेच्युटी को रोकने का निर्देश दिया गया है. यह आदेश केंद्रीय कर्मचारियों पर लागू रहेगा. आने वाले समय में इसे अलग-अलग राज्य सरकारों की तरफ से भी लागू किये जाने की उम्मीद की जा रही है.
सरकार ने जारी किया आदेश
सरकार ने पिछले दिनों सेंट्रल सिविल सर्विसेज (पेंशन) रूल 2021 के तहत नोटिफिकेशन जारी किया है. सरकार की तरफ से सीसीएस (पेंशन) नियम 2021 के नियम 8 में बदलाव किया गया. इसमें नए प्रावधान जोड़े गए. नोटिफिकेशन में कहा गया कि यदि केंद्रीय कर्मचारी अपनी नौकरी के दौरान किसी गंभीर अपराध या लापरवाही में दोषी पाए जाएंगे तो रिटायरमेंट के बाद उनकी ग्रेच्युटी और पेंशन रोक दी जाएगी.
नियम को लेकर सख्त दिखाई दे रही सरकार
आपको बता दें केंद्र की तरफ से बदले गए नियम की जानकारी सभी संबंधित प्राधिकरणों को भेज दी गई है. इतना ही नहीं, इसमें यह भी साफ कर दिया गया है कि दोषी कर्मचारियों की जानकारी मिलने पर उनकी पेंशन और ग्रेच्युटी रोकने की कार्रवाई शुरू कर दी जाए. सरकार इस नियम को लेकर काफी सख्त दिखाई दे रही है.
ये लोग करेंगे कार्रवाई
- ऐसे प्रेसिडेंट जो रिटायर्ड कर्मचारी के अप्वाइंटिंग अथॉरिटी में शामिल रहे हैं, उन्हें ग्रेच्युटी या पेंशन रोकने का अधिकार है.
- ऐसे सचिव जो संबंधित मंत्रालय या विभाग से जुड़े हों जिसके तहत रिटायर होने वाले कर्मचारी की नियुक्ति की गई हो, उन्हें भी पेंशन और ग्रेच्युटी रोकने का अधिकार है.
- यदि कोई कर्मचारी ऑडिट और अकाउंट विभाग से रिटायर हुआ है तो सीएजी को दोषी कर्मचारियों के रिटायर होने के बाद पेंशन और ग्रेच्युटी रोकने का अधिकार है.
कैसे होगी कार्रवाई
- नियम के अनुसार, नौकरी के दौरान यदि कर्मचारियों के खिलाफ कोई विभागीय या न्यायिक कार्रवाई हुई है तो इसकी जानकारी संबंधित अधिकारियों को देना जरूरी होगा.
- यदि कोई कर्मचारी रिटायर होने के बाद फिर से संविदा पर नियुक्त हुआ है तो उस पर भी यही नियम लागू होंगे.
- कोई कर्मचारी रिटायरमेंट के बाद पेंशन या ग्रेच्युटी प्राप्त कर चुका है. उसके बाद यदि वह दोषी पाया जाता है तो पेंशन या ग्रेच्युटी की पूरी या आंशिक वसूली जा सकती है.
नियमानुसार ऐसे स्थिति में किसी भी अथॉरिटी को अंतिम आदेश देने से पहले यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन से सुझाव लेना होगा. इसमें यह भी प्रावधान है कि किसी भी मामले में जहां पेंशन को रोका या निकाला जाता है, उसमें न्यूनतम राशि 9000 रुपये प्रति माह से कम नहीं होनी चाहिए.
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