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Cryptocurrency कारोबार को लेकर अहम अपडेट, TDS दर में कटौती को लेकर सरकार से है ये मांग

Cryptocurrency Trading: रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘व्यापक नियमन के अभाव में क्रिप्टो कारोबार पर मौजूदा एक प्रतिशत टीडीएस से एक तरफ जहां पूंजी बाहर जा रही है, वहीं दूसरी तरफ दूसरे देशों के अधिकार क्षेत्रों में आने वाले कारोबारी मंचों और अनधिकृत बाजार से ग्राहक बाहर निकल रहे हैं.’’

Cryptocurrency कारोबार को लेकर अहम अपडेट, TDS दर में कटौती को लेकर सरकार से है ये मांग
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Himanshu Kothari|Updated: Jan 25, 2023, 08:11 PM IST

Government of India: सरकार को क्रिप्टोकरेंसी कारोबार पर टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) एक प्रतिशत से कम करने पर विचार करना चाहिए. इसका कारण हाई टैक्स की रेट से पूंजी बाहर जा रही है और विदेशी अधिकार क्षेत्र में आने वाले मंचों और अनधिकृत बाजारों से निवेशक निकल रहे हैं. एक रिपोर्ट में यह कहा गया है. चेज इंडिया और इंडस लॉ ने ‘वर्चुअल डिजिटल संपत्ति’ (वीडीए) पर एक प्रतिशत टीडीएस के प्रभाव’ शीर्षक से अपनी संयुक्त रिपोर्ट में कहा कि क्रिप्टो कारोबार की सुविधा देने वाले मंचों/ बाजारों को अपने ग्राहकों की भी जांच-परख करनी चाहिए.

जोखिम की आशंका
इससे भविष्य में अगर कोई जोखिम की आशंका है, उसे सामने लाया जा सकता है. रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘व्यापक नियमन के अभाव में क्रिप्टो कारोबार पर मौजूदा एक प्रतिशत टीडीएस से एक तरफ जहां पूंजी बाहर जा रही है, वहीं दूसरी तरफ दूसरे देशों के अधिकार क्षेत्रों में आने वाले कारोबारी मंचों और अनधिकृत बाजार से ग्राहक बाहर निकल रहे हैं.’’ उल्लेखनीय है कि सरकार ने पिछले साल एक अप्रैल से बिटकॉइन, एथेरियम समेत क्रिप्टो करेंसी जैसी ‘वर्चुअल डिजिटल संपत्ति’ के अंतरण पर 30 प्रतिशत आयकर के साथ अधिभार और उपकर लगाया था.

टीडीएस
साथ ही, 10,000 रुपये से अधिक ‘वर्चुअल’ डिजिटल मुद्रा के भुगतान पर एक प्रतिशत टीडीएस लगाया गया. रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘टीडीएस लगाने का मकसद क्रिप्टो में लेनदेन का पता लगाना था. यह लक्ष्य स्रोत पर कर कटौती दर कम कर भी हासिल किया जा सकता है. कम दर से टीडीएस से न केवल लेनदेन का पता चल सकेगा बल्कि अगर भारतीय निवेशक केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) युक्त भारतीय मंचों से कारोबार करते रहते हैं, तो कर संग्रह में भी इजाफा होगा.’’ यह रिपोर्ट बजट से पहले जारी की गयी है.

बजट
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को 2023-24 का बजट पेश करेंगी. इसमें यह भी सुझाव दिया गया है कि सुरक्षा और निगरानी उद्देश्य से, सरकार को आधार नियमों की तरह सभी क्रिप्टो बाजारों/मंचों को निवेशकों/कारोबारियों कर विस्तृत केवाईसी सत्यापन करने को कहना चाहिए. चेज इंडिया और इंडस लॉ ने रिपोर्ट में यह भी कहा कि कई क्रिप्टो बाजार नियम के दायरे में आने के बावजूद टीडीएस नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं. कई मामले में देखा गया है कि गलत तरीके से क्रिप्टो मंच ने छूट प्राप्त की हुई है. इन खामियों को दूर किए जाने की जरूरत है.

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