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इन देशों में चलती है राम नाम की मुद्रा, 10 अमरीकी डॉलर में मिलता है एक राम! जानें क्या है नोट की सच्चाई

Lord Ram Currency: सोशल मीडिया पर इन दिनों श्री राम वाले नोटों की तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें कहा जा रहा है कि यह यूएसए में मौजूद एक हिंदू राष्ट्र के करेंसी की तस्वीर है. आइए जानते हैं इन नोटों के बारे में सबकुछ...

इन देशों में चलती है राम नाम की मुद्रा, 10 अमरीकी डॉलर में मिलता है एक राम! जानें क्या है नोट की सच्चाई
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Arti Azad|Updated: Jun 17, 2023, 07:04 AM IST

Lord Ram Currency: रिलीज से आदिपुरुष सुर्खियों में थी, फिल्म की एडवांस बुकिंग से लग रहा था जैसे ये कमाई के सारे रिकॉर्ड तोड़ देगी. वहीं, रिलीज के बाद लोगों को गुस्सा फूट पड़ा पब्लिक को अपने आदर्श प्रभु श्री राम और रामकथा से किया ये खिलवाड़ रास नहीं आया. फिल्म के साथ ही एक और चीज की चर्चा सोशल मीडिया पर जोरों से हो रही हैं.

इन दिनों एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें बताया जा रहा है कि अमेरिका और नीदरलैंड (Netherlands and America) में राम नाम की करेंसी (Lord Ram Currency) इस्तेमाल की जाती है. इन नोटों पर भगवान राम (Lord Ram) की तस्वीर भी होती है. आइए जानते हैं कि आखिर इस श्री राम की तस्वीर वाले नोट की सच्चाई क्या है?

भारत ही नहीं दुनिया में ऐसे कई देश हैं, जहां राम नाम की गूंज देखने को मिलती है. ऐसे में राम मुद्रा से जुड़ी इस तरह की जानकारी और तस्वीरें सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर पहले भी शेयर की जाती रही हैं, लेकिन कुछ समय से ऐसे पोस्ट सोशल मीडिया पर बड़े स्तर पर फैलाया गए, जो खूब वायरल हो रहे हैं.

जानिए क्या है नोट की सच्चाई
प्रभु राम की तस्वीर वाला नोट एकदम ओरिजनल है, इसे फोटो शॉप के जरिए नहीं बनाया गया है. वहीं, जिस हिंदू राष्ट्र में यह नोट चलने का दावा किया जा रहा है, उसका नाम ग्लोबल कंट्री ऑफ वर्ल्ड पीस (GCWP) है. ग्लोबल कंट्री ऑफ वर्ल्ड पीस ने साल 2002 में खुद की करेंसी जारी की थी,  जिसे राम नाम दिया गया. इस नोट में भगवान राम की तस्वीर बनी हुई है.

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ग्लोबल कंट्री ऑफ वर्ल्ड पीस द्वारा निकाले गए ये नोट यहां के 100 दुकानों, करीब 30 गांवों और शहरों में एक्सेप्ट किए जाते हैं. हालांकि, इस करेंसी को वर्ल्ड बैंक से मान्यता नहीं मिली है. हालांकि,  इन नोटों को वहां आधिकारिक मुद्रा नहीं माना गया है. ये एक खास सर्कल में ही इस्तेमाल होती है. 

क्या यह एक एक हिंदू राष्ट्र है? 
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, यह कोई हिंदू राष्ट्र नहीं बल्कि एक एजुकेशनल ऑर्गेनाइजेशंस का हेड क्वार्टर है. इसकी स्थापना आध्यात्मिक गुरु महर्षि महेश योगी ने साल 2000 में की थी. यह जगह यूएसए के लोआ में स्थित है. साल 2008 में महर्षि की मृत्यु हो गई.  फिलहाल. इस संस्था को टोनी नाडर लीड कर रहे हैं. 

वायरल वीडियो का सच
सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही जानकारी कि द ग्लोबल कंट्री ऑफ वर्ल्ड पीस एक हिंदू राष्ट्र है और यहां की करेंसी को पूरी दुनिया में मान्यता मिली हुई इसमें कोई सच्चाई नहीं है. इस तरह की भ्रामक जानकारी पर विश्वास करने और इसे शेयर करने से पहले उसकी चेक जरूर कर लें.

राम मुद्रा की कीमत
महर्षि वैदिक सिटी में बसे उनके अनुयायी कामों के बदलों में इस मुद्रा में लेनदेन करते हैं. एक राम मुद्रा का मूल्य 10 अमेरिकी डॉलर तय किया गया. ऐसे तीन नोट प्रिंट किए गए. एक राम का मूल्य 10 डॉलर, दो राम की कीमत 20 डॉलर और तीन राम की कीमत 20 अमेरिकी डॉलर के बराबर आंकी गई. आश्रम के अंदर सदस्य इनका इस्तेमाल आपस में करते हैं. आश्रम से बाहर जाने पर इस मुद्रा के कीमत के बराबर डॉलर ले लेते हैं.

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