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Delhi Metro: इंदिरापुरम और वसुंधरा तक जाएगी सीधी मेट्रो, जानें कौन-कौन से होंगे स्टेशन और रूट

Noida-Gzb Blue Line metro: इस विस्तार में मेट्रो लाइन को इंदिरापुरम और वैशाली से होते हुए दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे से गाजियाबाद के साहिबाबाद तक बढ़ाया जाएगा. इससे गाजियाबाद और नोएडा के बीच की दूरी कम हो जाएगी और लोगों को ट्रैफिक की समस्या नहीं होगी.

Delhi Metro: इंदिरापुरम और वसुंधरा तक जाएगी सीधी मेट्रो, जानें कौन-कौन से होंगे स्टेशन और रूट
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Mohit Chaturvedi|Updated: Dec 16, 2023, 01:56 PM IST

गाजियाबाद और नोएडा के बीच मेट्रो लाइन बनाने के लिए जीडीए और यूपी हाउसिंग बोर्ड ने मिलकर पैसे लगाने का फैसला किया है. दोनों 50-50% पैसे लगाएंगी. यह फैसला दिल्ली से गाजियाबाद के बीच रूट को आसान बनाने के लिए लिया गया है. इस विस्तार में मेट्रो लाइन को इंदिरापुरम और वैशाली से होते हुए दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे से गाजियाबाद के साहिबाबाद तक बढ़ाया जाएगा. इससे गाजियाबाद और नोएडा के बीच की दूरी कम हो जाएगी और लोगों को ट्रैफिक की समस्या नहीं होगी. 

साहिबाबाद में होगा स्टेशन

यहां जो विस्तार हो रहा है, वो मेट्रो और रैपिड रेल के बीच संचार को बढ़ावा देने के लिए जरूरी है. इसका एक स्टेशन साहिबाबाद में है. ब्लू लाइन की दूसरी ब्रांच, जो द्वारका से वैशाली तक जाती है, उसका रैपिड रेल के साथ जोड़ा जाएगा, लेकिन यह जोड़ी दिल्ली के आनंद विहार में होगी. इस विस्तार की योजना कई सालों से चल रही है, लेकिन एजेंसियों के बीच फंड-शेयरिंग असहमति के कारण इसकी प्रगति में देरी हुई है. हाल ही में, जीडीए और यूपी हाउसिंग बोर्ड ने इस विवाद को सुलझा लिया है, जिससे इस विस्तार को आगे बढ़ाने का रास्ता साफ हो गया है.

पहले क्या था प्लान

पहले की योजना में, यूपी सरकार को मेट्रो विस्तार की लागत का आधा हिस्सा देना था, जबकि केंद्र सरकार को 20% देना था. बाकी 30% लागत को जीडीए, हाउसिंग बोर्ड और नगर निगम जैसी एजेंसियों को वहन करना था. हालांकि, यूपी सरकार ने इस योजना को अस्वीकार कर दिया.

अब क्या है प्लान

अब, रिवाइज्ड प्लान के अनुसार, यूपी सरकार, जीडीए और हाउसिंग बोर्ड के माध्यम से, लागत का 80% वहन करेगी. केंद्र सरकार शेष 20% का फाइनेंसिंग करेगी. हाल ही में, जीडीए और हाउसिंग बोर्ड के बीच नए फंडिंग पैटर्न पर एक बैठक हुई थी. दिल्ली मेट्रो अभी इलेक्ट्रॉनिक सिटी से साहिबाबाद तक के रूट पर नई रिपोर्ट तैयार कर रही है.

गाजियाबाद के जिला मजिस्ट्रेट आरके सिंह, जो जीडीए के उपाध्यक्ष भी हैं. उन्होंने कहा, 'परियोजना की लागत ₹1,517 करोड़ होने की उम्मीद है. हम अब दिल्ली मेट्रो से नए डीपीआर का इंतजार कर रहे हैं.' नए फंडिंग पैटर्न के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि कॉरिडोर का अधिकांश हिस्सा इंदिरापुरम टाउनशिप से गुजरेगा, जिसे जीडीए द्वारा प्रशासित किया जाता है और वसुंधरा, जिसका रखरखाव हाउसिंग बोर्ड द्वारा किया जाता है. इसलिए, यह रेशनल है कि ये दोनों एजेंसियां ​​समान योगदान दें. जीडीए के पास पैसे की कमी है. इसलिए, वह नोएडा से गाजियाबाद तक मेट्रो विस्तार के लिए अपने हिस्से की फंडिंग के लिए एनसीआर प्लानिंग बोर्ड से कर्ज लेने की योजना बना रहा है. 

गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) पहले से ही हिंडन एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट के लिए 800 करोड़ रुपये का कर्ज ले रहा है. उस कर्ज की राशि का 90% भुगतान हो चुका है. अब, जीडीए नोएडा से गाजियाबाद तक मेट्रो विस्तार परियोजना के लिए 500 करोड़ रुपये और कर्ज लेने की योजना बना रहा है. जीडीए को उम्मीद है कि एनसीआर प्लानिंग बोर्ड उसके नए कर्ज के अनुरोध को स्वीकार करेगा.

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