trendingNow11346743
Hindi News >>बिजनेस
Advertisement

Petrol Price: पेट्रोल-डीजल पर आया नया अपडेट, फरवरी के बाद तेल की कीमतों में हुआ कुछ ऐसा

Diesel Price: भारत द्वारा आयातित कच्चे तेल का भाव आठ सितंबर को 88 डॉलर प्रति बैरल बैठ रहा था. अप्रैल में यह औसत 102.97 अरब डॉलर प्रति बैरल और उसके बाद के महीने में यह 109.51 डॉलर प्रति बैरल था.

पेट्रोल प्राइज
Stop
Zee News Desk|Updated: Sep 11, 2022, 02:16 PM IST

Crude Oil Price: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें सात महीने के निचले स्तर पर आ गई हैं, लेकिन भारत में पेट्रोल और डीजल के खुदरा बिक्री मूल्य में कोई बदलाव नहीं हुआ है. इसकी वजह यह है कि सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों ने लागत में बढ़ोतरी की बावजूद करीब पांच माह तक नुकसान झेलते हुए पेट्रोल, डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं की थी. मंदी की आशंका के बीच फरवरी की शुरुआत के बाद पहली बार अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड पिछले सप्ताह 90 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गया. उसके बाद से यह कुछ सुधार के साथ 92.84 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है, जो छह महीने का निचला स्तर है. 

कीमतों में गिरावट

रूस द्वारा नॉर्थ स्ट्रीम पाइपलाइन को बंद रखने और कच्चे तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक और उसके सहयोगियों (ओपेक +) के उत्पादन में कटौती जैसे कदमों के बावजूद कीमतों में गिरावट आई है. हालांकि, इससे भारत में पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है. रिकॉर्ड 158 दिन से पेट्रोल और डीजल कीमतों में बदलाव (फ्रीज) नहीं हुआ है. 

प्रति बैरल दाम

भारत द्वारा आयातित कच्चे तेल का भाव आठ सितंबर को 88 डॉलर प्रति बैरल बैठ रहा था. अप्रैल में यह औसत 102.97 अरब डॉलर प्रति बैरल और उसके बाद के महीने में यह 109.51 डॉलर प्रति बैरल था. जून में यह 116.01 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया था. जुलाई से अंतरराष्ट्रीय कीमतों में गिरावट आना शुरू हुई. उस समय भारत द्वारा आयातित कच्चे तेल का औसत भाव 105.49 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया. अगस्त में यह 97.40 डॉलर प्रति बैरल और सितंबर में अबतक 92.87 डॉलर प्रति बैरल पर है.

सरकार ने कही ये बात

वहीं पेट्रोलियम कीमतों में बदलाव नहीं होने को लेकर पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमतों में तेजी की वजह से दाम नहीं बढ़ाने के चलते जो नुकसान हुआ था, उसकी वजह से अब ये कंपनियां कीमतें नहीं घटा रही हैं. हालांकि उन्होंने छह अप्रैल से दरों को स्थिर रखने से हुए नुकसान के बारे में विस्तार से नहीं बताया. (इनपुट: भाषा)

ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi प

Read More
{}{}