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चीन बेहाल, अमेरिका की सुस्त चाल...भारत के विकास की गड्डी दौड़ रही छलांग मारती

US and China Economy :  चीन जहां अपनी खस्ताहाल  इकोनॉमी से परेशान है तो जापान मंदी के दवाब को झेल रहा है. सुपरपावर अमेरिका की भी हालात ठीक नहीं है. अमेरिका के जीडीपी आंकड़ों से उसकी आर्थिक सेहत का हाल जान सकते हैं. मार्च तिमाही में अमेरिकी अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी पड़कर 1.6 प्रतिशत रही है. 

India vs china nad us economy
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Bavita Jha |Updated: Apr 25, 2024, 09:22 PM IST

America Vs China Vs India GDP Growth: दुनिया की महाशक्ति कहलाने वाले देशों की आर्थिक स्थिति हिली हुई है. चीन जहां अपनी खस्ताहाल  इकोनॉमी से परेशान है तो जापान मंदी के दवाब को झेल रहा है. सुपरपावर अमेरिका की भी हालात ठीक नहीं है. अमेरिका के जीडीपी आंकड़ों से उसकी आर्थिक सेहत का हाल जान सकते हैं. मार्च तिमाही में अमेरिकी अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी पड़कर 1.6 प्रतिशत रही है. 

अमेरिका की सुस्त चाल  

अमेरिका की अर्थव्यवस्था जनवरी-मार्च तिमाही में सुस्त पड़ते हुए सालाना आधार पर सिर्फ 1.6 प्रतिशत की दर से बढ़ी. ऊंची ब्याज दरों के व्यापक असर के चलते जीडीपी पर दवाब दिखा है. गुरुवार, 25 अप्रैल को अमेरिका के मार्च तिमाही के लिए  जीडीपी के आंकड़े जारी किए. जिसके मुताबिक साल 2024 की पहली तिमाही में अमेरिका की आर्थिक वृद्धि दर सालाना आधार पर 1.6 प्रतिशत रही है, हालांकि अक्टूबर-दिसंबर, 2023 की तुलना में यह बड़ी गिरावट को दर्शाता है. 

दिसंबर तिमाही में अमेरिकी की वृद्धि दर 3.4 प्रतिशत रही थी. कंपनियों के स्टॉक घटाने और उपभोक्ताओं के खर्च में कटौती के चलते जीडीपी में गिरावट दर्ज की गई.  हालांकि अमेरिका में मुद्रास्फीति को नीचे लाने की फेडरल रिजर्व की कोशिशें रंग लाई हैं और मार्च तिमाही में यह 3.5 प्रतिशत पर आ चुकी है. खुदरा मुद्रास्फीति वर्ष 2022 में 9.1 प्रतिशत के उच्च स्तर तक पहुंच गई थी. ये सब इतना आसान नहीं था, अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व को मुद्रास्फीति नियंत्रण के लिए नीतिगत ब्याज दरों में 11 बार बढ़ोतरी करनी पड़ी है, जिसका असर आर्थिक वृद्धि दर पर पड़ा है. 

चीन की फीकी पड़ी चाल 

बीते हफ्ते इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) ने भारत समेत चीन के जीडीपी ग्रोथ अनुमान को लेकर बड़ी बात कही. IMF ने कहा कि साल 2024 में चीन की इकोनॉमी 4.6 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी.  वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक के लेटेस्ट एडिशन में आईएमएफ ने कहा कि चीन की अर्थव्यवस्था की रफ्तार सुस्त पड़ रही है. कोरोना के बाद से ड्रैगन की रफ्तार सुस्त पड़ी हुई है. IMF के मुताबिक, 2024 में चीन की जीडीपी ग्रोथ 4.6 प्रतिशत रहेगी. साल 2025 में चीन की ग्रोथ रेट घटकर 4.1 प्रतिशत तक आ जाने का अनुमान है. रिपोर्ट के मुताबिक चीन अभी कोरोना के झटके से पूरी तरह बाहर नहीं आ सका है. चीन का रियल एस्टेट सेक्टर मंदी की चपेट में है.  इस मंदी ने चीन के बैकिंग सेक्टर को भी प्रभावित किया है. पड़ोसी देशों, अमेरिका से चीन के व्यवहार के चते उसका निर्यात प्रभावित हो रहा है. चीन की बूढ़ी होती आबादी चुनौतीपूर्ण स्थिति में पहुंच गई है. चीन में बेरोजगारी चरम पर पहुंच चुकी है. 

भारत की ऊंची छलांग  

इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड ने अपनी रिपोर्ट में भारत को सबसे ऊपर रखा. IMF ने साल 2024 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को बढ़ाकर 6.8 फीसदी कर दिया है. IMF का कहना है कि भारत में घरेलू डिमांड लगातार मजबूत बनी हुई है. बारत की युवा आबादी उसकी सबसे बड़ी ताकत है, निवेश के लिए बेहतरीन माहौल है. अपनी रिपोर्ट में IMF ने कहा कि 6.8 प्रतिशत की ग्रोथ के साथ भारत दुनिया की सबसे तेज रफ्तार से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा.  

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