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Cashless Treatment: हेल्‍थ इंश्‍योरेंस से क‍िसी भी अस्‍पताल में होगा इलाज, हॉस्‍प‍िटल नेटवर्क का झंझट खत्‍म

What is Cashless Everywhere: पॉल‍िसीहोल्‍डर क‍िसी भी अस्‍पताल में अपना या पर‍िवार का इलाज कराने के ल‍िए स्‍वतंत्र होगा. इसके तहत पॉलिसीहोल्डर, पॉलिसी नेटवर्क के बाहर के अस्पतालों से भी कैशलेस ट्रीटमेंट करा सकेगा.

Cashless Treatment: हेल्‍थ इंश्‍योरेंस से क‍िसी भी अस्‍पताल में होगा इलाज, हॉस्‍प‍िटल नेटवर्क का झंझट खत्‍म
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Kriyanshu Saraswat|Updated: Jan 25, 2024, 10:45 AM IST

Health Insurance Rules Change: अगर आपने पर‍िवार के ल‍िए क‍िसी भी कंपनी का हेल्‍थ इंश्‍योरेंस ल‍िया हुआ है या लेने का प्‍लान कर रहे हैं तो यह खबर आपके काम की है. जी हां, क‍िसी भी इंश्‍योरेंस होल्‍डर के ल‍िए कैशलेश ट्रीटमेंट में नेटवर्क हॉस्‍प‍िटल का चक्‍कर खत्‍म हो गया है. अगर आपके पास हेल्‍थ इंश्‍योरेंस है तो आप क‍िसी भी हॉस्‍प‍िटल में कैशलेश ट्रीटमेंट करा सकेंगे. नॉन-लाइफ इंश्‍योरेंस कंपन‍ियों को री-प्रजेंट करने वाली जनरल इंश्योरेंस काउंसिल ने इसके ल‍िए 'कैशलेश एवरीव्‍हेयर' (Cashless Everywhere) मुह‍िम शुरू की है.

क‍िसी भी अस्‍पताल में इलाज कराने के ल‍िए स्‍वतंत्र

कैशलेश एवरीव्‍हेयर मुह‍िम, जैसा क‍ि नाम से ही साफ हो रहा है अब आप कहीं भी-कभी भी इलाज करा सकेंगे. इस मुह‍िम का मकसद हर बीमाकर्ता के हॉस्‍प‍िटल नेटवर्क को स‍िंगल नेटवर्क में शाम‍िल करना है. इसके तहत पॉल‍िसीहोल्‍डर क‍िसी भी अस्‍पताल में अपना या पर‍िवार का इलाज कराने के ल‍िए स्‍वतंत्र होगा. इसके तहत पॉलिसीहोल्डर, पॉलिसी नेटवर्क के बाहर के अस्पतालों से भी कैशलेस ट्रीटमेंट करा सकेगा.

40,000 से ज्‍यादा अस्पतालों का नेटवर्क
इस सेटअप में शाम‍िल होने वाली बीमा कंपन‍ियां किसी क्‍लेम के बारे में जानकारी मिलने पर नॉन-नेटवर्क वाले हॉस्‍प‍िटल को तुरंत अपने नेटवर्क का हिस्सा बनाकर उनके दावों का न‍िस्‍तारण करने के ल‍िए प्रतिबद्ध हैं. इसका फायदा यह होगा क‍ि पॉलिसीहोल्‍डर बीमाकर्ता के नेटवर्क साइज के आधार पर कुछ हजार के बजाय 40,000 से ज्‍यादा अस्पतालों को चुन सकेंगे. इसका मकसद कस्‍टमर को नॉन- नेटवर्क वाले अस्पतालों के लिए भुगतान से बचाना, विवादों को कम करना और धोखाधड़ी के मामलों में कमी लाना है.

कब देनी होगी इलाज से जुड़ी जानकारी
इस सर्व‍िस को यूज करने के ल‍िए पॉलिसीहोल्‍डर को क‍िसी भी प्‍लान्‍ड प्रोसीजर (जैसे-सर्जरी आद‍ि) से 48 घंटे पहले जानकारी देनी होगी. इसके अलावा इमजेंसी मामले में 48 घंटे के अंदर इंश्‍योरेंस कंपनी को जानकारी देना जरूरी है. इसके साथ ही सभी दावे पॉलिसी की शर्तों के ह‍िसाब से होने चाह‍िए. कैशलेस बेन‍िफ‍िट के ल‍िए बीमाकर्ता के दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए. अभी तक कस्‍टमर केवल उन्‍हीं अस्‍पतालों में कैशलेश ट्रीटमेंट करा पा रहे थे, जो उनकी इंश्‍योरेंस कंपनी के नेटवर्क में होते थे.

नेटवर्क से अलग के हॉस्‍प‍िटल में इलाज कराने पर ग्राहकों को अपनी जेब से पेमेंट करना पड़ता था. इसके बाद पॉलिसीहोल्डर संबंध‍ित बीमा कंपनी के पास हॉस्‍प‍िटल ब‍िल आद‍ि के साथ क्‍लेम करता है. इलाज में खर्च क‍िया गया पैसा पॉलिसीहोल्डर को 45 द‍िन से 60 द‍िन के अंदर बीमा कंपनी की तरफ से द‍िया जाता था. क्‍लेम में क‍िसी तरह का इश्‍यू होने पर कई बार ज्‍यादा टाइम भी लग जाता था.

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