Fake Notes in Bank: तमाम पाबंदियों के बाद भी नकली नोटों का चलन रुकने का नाम नहीं ले रहा. अब बैंकों में नकली नोट पहुंचने का मामला सामने आया है. दिल्ली पुलिस को कुछ बैंकों से शिकायत मिली है कि पिछले साल जुलाई से दिसंबर के बीच उन्हें 54 लाख रुपये से ज्यादा के नकली नोट मिले हैं. पुलिस अधिकारियों ने बताया भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और 15 दूसरे बैंकों ने इस संबंध में शिकायतें दर्ज करवाई हैं. नकली नोटों में सबसे ज्यादा 16.3 लाख रुपये के नकली नोट एक प्राइवेट बैंक में मिले.
अधिकतर 500 रुपये के नकली नोट मिले
इसके बाद दूसरे नंबर पर जिस बैंक में 15.7 लाख रुपये के नकली नोट पहुंचे हैं, वो भी एक प्राइवेट बैंक है. बैंकों में पहुंचने वाली नकली करेंसी में अधिकतर नोट 500 रुपये के हैं. बैंकों से मिली शिकायत के आधार पर पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि ये जाली नोट कहां से आए. एक अधिकारी कहा कहना है कि हमें यह शक है कि कुछ लोगों ने असली नोटों के बीच में नकली नोट छिपाकर बैंक में जमा करवा दिए होंगे. यही कारण है कि असली और नकली नोट के बीच अंतर का पता नहीं लगाया जा सका.
पड़ोसी देशों से होती है नकली नोट की तस्करी
पुलिस अधिकारी ने बताया कि आईपीसी के सेक्शन 489C (जाली नोट रखने के जुर्म) के तहत संसद मार्ग पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है. अधिकारियों के अनुसार नकली नोटों की तस्करी पड़ोसी देशों के बॉर्डर के रास्ते की जाती है. गिरोह के सदस्य इसके लिए अलग-अलग तरीके अपनाते हैं, इनमें जाली नोटों की गड्डियां शरीर पर चिपकाकर दूसरे राज्यों में ले जाने का भी तरीका शामिल है.
2,000 रुपये के जाली नोट छापने में कमी आई
एक दूसरे अधिकारी ने बताया 2,000 रुपये के जाली नोट छापने में कमी आई है, वहीं 500 के नोटों में इजाफा हुआ है. दरअसल, 500 रुपये के नोट के लेनदेन में दुकानों में इसका ज्यादा इस्तेमाल होता है. उन्होंने यह भी बताया कि ये गिरोह वीकली मार्केट में चलाने के लिए 50 रुपये, 20 रुपये और 10 रुपये जैसे छोटे नोट भी छापते हैं.
पिछले साल ही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक बुल्गारियाई नागरिक को पकड़ा था. उसके पास से 8.9 लाख रुपये कीमत के 500 रुपये के जाली नोट बरामद हुए थे. यह शख्स बुल्गारिया आर्मी में भी सैनिक रह चुका था. वह नकली नोट बनाने वाले इंटरनेशनल गिरोह का सदस्य था.