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शेख हसीना के जाते ही बांग्लादेश को 11000 वोल्ट का झटका, अंधेरे में डूब सकता है देश

पड़ोसी देश बांग्लादेश का विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है.  आरक्षण की हिंसा में ये देश ऐसा जल रहा कि शेख हसीना को प्रधानमंत्री की कुर्सी और देश छोड़ना पड़ा. फिर भी विवाद खत्म नहीं हो रहा.

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Bavita Jha |Updated: Aug 15, 2024, 03:29 PM IST

Bangladesh Tension: पड़ोसी देश बांग्लादेश का विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है.  आरक्षण की हिंसा में ये देश ऐसा जल रहा कि शेख हसीना को प्रधानमंत्री की कुर्सी और देश छोड़ना पड़ा. फिर भी विवाद खत्म नहीं हो रहा. अब हालात ऐसे हैं कि हिंसा में आग में ये देश खुद जलने लगा है.  खाने-पीने की चीजें महंगी हो गई है. महंगाई और बेरोजगारी की मार झेल रहा बांग्लादेश अब जल्द ही अंधेरे में डूब सकता है. 

बांग्लादेश की बत्ती हो सकती है गुल  

हिंसा की मार झेल रहे बांग्लादेश की मुसीबत बढ़ने वाली है. पड़ोसी देशों को अपने घरेलू पावर प्लांट से बिजली सप्लाई करने वाली कंपनियों को सरकार ने अपने देश में बिजली बेचने की इजाजत दे दी है. अडानी पावर अपने झारखंड स्ठित पावर प्लांट से बिजली सप्लाई करती है. अब सरकार के इस आदेश के बाद अडानी पावर भारत को भी बिजली बेच सकेगा. अभी तक यह प्लांट केवल बांग्लादेश तो ही बिजली आपूर्ति कर सकता है, लेकिन नियमों में संशोधन के बाद अब अब भारत को भी बेचेगा. 

बांग्लादेश में बिजली सप्लाई हो सकती है बाधित 

रॉयटर्स के मुताबिक अडानी पावर प्लांट बांग्लादेश को बिजली बेचने के लिए अनुबंध के तहत काम कर रहा है, लेकिन अब नियमों में बदलाव के बाद भारत को भी बिजली आपूर्ति कर सकेगा.  12 अगस्त तो इस बारे में नोटिफिकेशन जारी कर 2018 के दिशानिर्देशों में संशोधन किया गया है.  इस आदेश में कहा गया  कि अगर पावर स्टेशन कंपनियां पूरी बिजली नहीं बेच पा रही हैं या फिर पावर पर्चेंज एग्रीमेंट के तहत उन्हें भुगतान नहीं मिल रहा या देरी हो रही है तो ऐसे पावर जेनरेटिंग स्टेशन को भारतीय ग्रिड के साथ जोड़ने की इजाजत दी जाएगी. ये पावर प्वांट भारत के भीतर बिजली बेच सकेंगे. जिसका असर बांग्लादेश की बिजली सप्लाई पर होगा.  

अडानी पावर बेचता है बांग्लादेश को बिजली  

अडानी पावर के झारखंड के गोड्डा स्थित पावर प्लांट से  बांग्लादेश को 800 मेगावाट बिजली बेची जाती है. साल 2017 में इसके लिए करार हुआ था. इसी तरह से एनटीपीसी भी बांग्लादेश को 500 मेगावाट बिजली सप्लाई करती है.  बांग्लादेश में विवाद और हिंसा के बीच अगर इन कंपनियों को नुकसान हुआ , उनका भुगतान नहीं हुआ तो वो बांग्लादेश को बिजली बेचना बंद कर सकती है.  

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