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Rajasthan: चुनाव से पहले सरकार ने इस प्रारूप को दी मंजूरी, मिलेगी सब्सिडी और रोजगार का भी मौका

Government Scheme: राजस्थान में चुनाव से पहले सीएम अशोक गहलोत के जरिए कई फैसले लिए जा रहे हैं. इस बीच सीएम अशोक गहलोत के जरिए एक प्रारूप को भी मंजूरी दे दी गई है. इससे स्वच्छ ऊर्जा स्रोत की तलाश की जा सकेगी. आइए जानते हैं इसके बारे में...

Rajasthan: चुनाव से पहले सरकार ने इस प्रारूप को दी मंजूरी, मिलेगी सब्सिडी और रोजगार का भी मौका
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Himanshu Kothari|Updated: Sep 17, 2023, 06:50 AM IST

Green Hydrogen Policy: देश में आने वाले वक्त में चुनाव आने वाले हैं. इस दौरान लोकसभा चुनाव भी हैं तो कुछ राज्यों में विधानसभा के चुनाव भी होने हैं. इस लिस्ट में राजस्थान का भी नाम है. राजस्थान में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है. वहीं इससे पहले ही राजस्थान के मुख्यमंत्री कई अलग-अलग योजनाओं का ऐलान कर रहे हैं. वहीं अब सीएम गहलोत ने एक अहम नीति के प्रारूप को मंजूरी दे दी है.

राजस्थान हरित हाइड्रोजन नीति-2023

दरअसल, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 'राजस्थान हरित हाइड्रोजन नीति-2023' के प्रारूप को मंजूरी दे दी है और जल्द ही इस बारे में अधिसूचना जारी कर दी जाएगी. राज्य सरकार की तरफ से जारी एक बयान के अनुसार, राज्य सरकार ने स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन, भविष्य की जरूरतों और जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए यह अहम निर्णय किया है.

स्वच्छ ऊर्जा स्रोत की तलाश

राज्य में स्वच्छ ऊर्जा स्रोत की तलाश और निवेशकों के प्रोत्साहन के लिए 'राजस्थान हरित हाइड्रोजन नीति-2023' लाई जा रही है. बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने इस नीति के प्रारूप का अनुमोदन कर दिया है और ऊर्जा विभाग शीघ्र ही इस बारे में अधिसूचना जारी कर देगा. इस नीति के तहत राज्य में स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन से जुड़ी कंपनियों को विभिन्न प्रकार की सब्सिडी मिलेंगी. इससे राज्य में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.

निवेशकों को कई सुविधाएं

इस नीति के तहत राज्य सरकार निवेशकों को कई सुविधाएं भी देगी. इनमें राज्य के प्रसारण तंत्र पर स्थापित होने वाले 500 किलोटन प्रतिवर्ष (केटीपीए) अक्षय ऊर्जा संयंत्र को 10 वर्षों तक प्रसारण एवं वितरण शुल्क में 50 प्रतिशत छूट, 'थर्ड पार्टी' से अक्षय ऊर्जा खरीदने पर अतिरिक्त एवं 'क्रॉस सब्सिडी सरचार्ज' में 10 वर्ष तक पूरी छूट दी जाएगी. ऊर्जा विभाग ने इस नीति के प्रारूप को सार्वजनिक कर हितधारकों से सुझाव लिए थे. इसमें कुछ महत्वपूर्ण सुझावों को शामिल किया गया है. (इनपुट: भाषा)

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