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कुछ किस्मत ही खराब...अनिल अंबानी की दिवालिया कंपनी को खरीदने में छूट रहे हिंदुजा ग्रुप के पसीने, मांग रहे तारीख पर तारीख

कभी भारत के अमीरों में शुमार अनिल अंबानी कर्ज में डूबे हैं. धीरे-धीरे कर्ज के बोझ को कम करने की कोशिश की जा रही है. जब ने अनिल अंबानी के दोनों बेटों ने कारोबार में एंट्री की है, उनके फोकस कंपनी के कर्ज के बोझ को कम करने पर है.

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Bavita Jha |Updated: Jun 15, 2024, 11:16 AM IST

Anil Ambani Reliance Capital-Hinuja Group Deal: कभी भारत के अमीरों में शुमार अनिल अंबानी कर्ज में डूबे हैं. धीरे-धीरे कर्ज के बोझ को कम करने की कोशिश की जा रही है. जब ने अनिल अंबानी के दोनों बेटों ने कारोबार में एंट्री की है, उनके फोकस कंपनी के कर्ज के बोझ को कम करने पर है. हाल ही में अनिल अंबानी ने 800 करोड़ रुपये का कर्ज चुककर रिलायंस पावर ( Reliance Power) को कर्ज मुक्त कर लिया है. खबर आते ही आर पावर ( RPower) के शेयर तेजी के भागने लगे. इस खबर ने जहां अनिल अंबानी को थोड़ी राहत दी ही थी कि वहीं रिलायंस कैपिटल को लेकर आ रही खबरों ने फिर से झटका दे दिया. 

कंपनी के खरीदार के छूट रहे पसीने 

कर्ज में डूबे उद्योगपति अनिल अंबानी (Anil Ambani) की कंपनी रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) को हिंदुजा ग्रुप खरीदने जा रहा है. सभी जरूरी मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन इसे खरीदने के लिए हिंदुजा ग्रुप (Hinduja Group) को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल को खरीदने के लिए हिंदुजा समूह की कंपनी इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स (IIHL) ने अक्टूबर 2023 में  ₹9,850 करोड़ की सबसे बड़ी बोली लगाई थी. इसके अधिग्रहण के लिए कंपनी को इंश्योरेंस रेगुलेटर समेत सभी अहम मंजूरियां मिल चुकी हैं.

डील के लिए चाहिए और वक्त  

कंपनी ने रिलायंस कैपिटल की इनसॉल्वेंसी प्रॉसीडिंग को पूरा करने और पेमेंट पूरा कपने के लिए और वक्त मांगा है. बता दें कि इसके लिए 27 मई तक की डेडलाइन थी, जिसे कंपनी पूरा नहीं कर सकी. हिंदुजा ग्रुप का कहना है कि डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड से विदेशी निवेश के लिए मंजूरी मिलने में देरी हुई है, इसलिए उन्हें डील को पूरा करने के लिए थोड़ा और वक्त चाहिए.  

कंपनी पर कितना है कर्ज

रिलायंस कैपिटल में करीब 20 फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनियां हैं, जो इनमें सिक्योरिटीज ब्रोकिंग, इंश्योरेंस और एक एआरसी जैसे कामों में जुटी है. बता दें कि कर्ज में डूबी कंपनी को आरबीआई ने 30 नवंबर 2021 को भंग कर दिया था . कंपनी के शेयर बाजार से डिलिस्ट कर दिया गया. कंपनी खिलाफ इनसॉल्वेंसी प्रॉसीडिंग शुरू की थी. अनिल अंबानी की रिलायंस कैपिटल पर 40,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है.  

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