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अनिल अंबानी की कंपनी की बहीखातों में किया था खेल, नप गए दो कंपनियों के ऑडिटर्स, जुर्माने के साथ लगा बैन

Anil Ambani: एशिया के दिग्गज कारोबारी और भारत के सबसे अमीर उद्योगपति मुकेश अंबानी के छोटे भाई अनिल अंबानी के बुरे दिन खत्म होने का नाम नहीं दे रही है. अनिल अंबानी की रिलायंस कैपिटल उनके हाथों से निकल गई है तो अब कंपनी के दो ऑडिटर्स पर NFRA ने सख्त कार्रवाई की है.

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Bavita Jha |Updated: May 21, 2024, 01:03 PM IST

Anil Ambani Company: एशिया के दिग्गज कारोबारी और भारत के सबसे अमीर उद्योगपति मुकेश अंबानी के छोटे भाई अनिल अंबानी के बुरे दिन खत्म होने का नाम नहीं दे रही है. अनिल अंबानी की रिलायंस कैपिटल उनके हाथों से निकल गई है तो अब कंपनी के दो ऑडिटर्स पर NFRA ने सख्त कार्रवाई की है. अनिल अंबानी की रिलायंस ग्रुप की दो कंपनियां  नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी (NFRA) के स्कैनर पर है. कंपनी के अकाउंट्स में हेरफेर के चलते NFRA के हत्थे चढ़ गई है.  

अनिल अंबानी की मुश्किल  

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक NFRA ने अनिल अंबानी की दो कंपनियों पर कार्रवाई करते हुए कंपनी के ऑडिटर्स को बैन कर दिया है. नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी ने अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस हो फाइनेंस और रिलायंस कॉर्मिशियल फाइनेंस के ऑडिटर्स को प्रतिबंधित कर दिया है. वहीं फर्म को भी बैन कर दिया है. इतना ही नहीं एनएफआरए ने साल 2018-19 के बीच इन कंपनियों के अकाउंट्स में गड़बड़ी के चलते उनपर जुर्माना भी लगाया गया है. फ्रॉड के बाद प्राइस वाटरहाउस ऑडिटर्स के इस्तीफे के चलते दोनों ही कंपनी के नए ऑडिटर्स नियुक्त कर दिए गए हैं.  

कंपनी के ऑडिटर्स पर कार्रवाई

रिलायंस होम फाइनें, के ऑडिटर्स धीरज और धीरक के ऊपर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है. वहीं सीए पीयूष पाटनी और पवन कुमार गुप्ता पर भी पेनेल्टी लगाई गई है.  उन्हें 3-5 सालों के लिए ऑडिट असाइनमेंट करने से रोक दिया गया है.  इसी तरह से रिलायंस कॉर्मिशियल फाइनेंस के ऑडिटर श्रीधर एंड एसोसिएट्स पर 3 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है. ऑडिट फर्म के इंगेटमेंट पार्टनर अजय वास्तानी को 5 साल के लिए बैन किया गया है. एनएफआरए ने कहा कि ऑडिटर ने कंपनी के लीगल इंटरप्रीटेशन को समझते हुए उसे क्लीन चिट दी. ऑडिटर ने स्वीकार कर लिया कि कंपनी के अकाउंट में कोई धोखाधड़ी नहीं हुई है. फर्म और ऑडिटर्स ने धोखाधड़ी के किसी भी संदेह को खारिज कर दिया, जबकि मामला कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के पास लंबित था. इसी तरह से वस्तानी ने अनिल अंबानी की कंपनी को क्लीन चिट दी. उन्होंने कहा कि ये सब तब हुआ, जब अनिल अंबानी की एक और कंपनी रिलायंस कैपिटल को पिछले महीने इसी तरह की कार्रवाई का सामना करना पड़ा था

 

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