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अडानी-हिंडनबर्ग मामले में सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगा फैसला, क्या हो सकता है असर?

Supreme Court: डनबर्ग की ओर से अडानी ग्रुप की कंपनियों कथित गड़बड़ी का आरोप लगाया गया था. इसके बाद बवाल मच गया था, इतना ही नहीं इन आरोपों के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी.

अडानी-हिंडनबर्ग मामले में सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगा फैसला, क्या हो सकता है असर?
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Gaurav Pandey|Updated: Jan 03, 2024, 05:57 AM IST

Adani-Hindenburg Case: अडानी-हिंडनबर्ग मामले से जुड़ी कई याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज अपना फैसला सुनाएगा. आरोप है कि अडानी ग्रुप द्वारा शेयर मूल्यों में हेराफेरी की गई है. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने 24 नवंबर को याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. इससे पहले SC साफ कर चुका है कि इस मसले पर SEBI की जांच रिपोर्ट और एक्सपर्ट कमेटी की निष्पक्षता पर उसे कोई संदेह नहीं है. वहीं हिंडनबर्ग रिपोर्ट कोई अंतिम सत्य नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने ने अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए ये भी कहा था कि शेयर बाजार नियामक सेबी (SEBI) को बदनाम करने का उसके पास कोई कारण नहीं है, जिसने अडानी समूह के खिलाफ आरोपों की जांच की थी.

क्या कहा था सुप्रीम कोर्ट ने?
असल में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि बाजार नियामक ने जो किया है उस पर संदेह के लिए उसके सामने कोई सामग्री नहीं है. सीजेआई की पीठ ने यह भी कहा था कि बिना किसी ठोस सामग्री के इस मामले में जांच के लिए अपनी तरफ से एसआईटी गठित करना उचित नहीं है. हमें हिंडनबर्ग रिपोर्ट में जो बताया गया है उसे वास्तव में सच मानने की जरूरत नहीं है. इसीलिए हमने सेबी को जांच का निर्देश दिया. इसके बाद याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया कि इस मामले में सेबी की भूमिका कई कारणों से ‘संदिग्ध’ थी क्योंकि उसके पास बहुत सारी जानकारी 2014 में ही उपलब्ध थी. 

मामले में अडानी ग्रुप ने दिया था बयान
वकील प्रशांत भूषण के आरोप पर पीठ ने कहा था कि उन्होंने अपनी जांच पूरी कर ली है. वे कह रहे हैं कि यह अब उनकी अर्ध-न्यायिक शक्ति में है. क्या उन्हें कारण बताने के लिए नोटिस जारी करने से पहले जांच का खुलासा करना चाहिए. मामले में अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग की ओर से लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया गया था. इसके साथ पैसे जुटाने की अपनी स्ट्रेटेजी को भी बदला था. बताया गया कि 2023 में अडानी ग्रुप ने 41,500 करोड़ रुपये इक्विटी के जरिए जुटाए हैं और वहीं, इससे दोगुनी राशि डेट मार्केट से जुटाई है.

कथित गड़बड़ी का आरोप लगाया गया था
हुआ यह था कि जनवरी 2023 में अमेरिकी शॉर्ट सेल फर्म हिंडनबर्ग की ओर से अडानी ग्रुप की कंपनियों कथित गड़बड़ी का आरोप लगाया गया था. इसके बाद बवाल मच गया था, इतना ही नहीं इन आरोपों के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी. इस गिरावट के साथ ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी की संपत्ति 60 अरब डॉलर कम हो गई थी. फिलहाल अब इस फैसले का प्रभाव क्या होगा, यह देखने वाली बात होगी. 

(एजेंसी इनपुट)

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