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जिंदल ग्रुप को पछाड़कर गौतम अडानी ने जीती एक और बोली, 25 साल तक रहेगी बादशाहत!

Adani Group: महाराष्ट्र सरकार की ओर से जारी टेंडर को लेकर चार कंपनियों ने हिस्सा लिया था. लेकिन अडानी ग्रुप ने JSW और टोरेंटो ग्रुप को पछाड़ते हुए यह बोली जीत ली है.

जिंदल ग्रुप को पछाड़कर गौतम अडानी ने जीती एक और बोली, 25 साल तक रहेगी बादशाहत!
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Sudeep Kumar|Updated: Sep 15, 2024, 02:03 PM IST

Gautam Adani: गौतम अडानी की अडानी ग्रुप ने महाराष्ट्र को लंबे समय के लिए 6600 मेगावाट की नवीकरणीय ऊर्जा और ताप बिजली की आपूर्ति की बोली जीत ली है. कंपनी ने इसके लिए 4.08 रुपये प्रति यूनिट की बोली लगाई और जेएसडब्ल्यू एनर्जी और टॉरेंट पावर को पीछे छोड़ दिया है. 

मामले से अवगत दो सूत्रों ने बताया है कि 25 साल के लिए नवीकरणीय और ताप बिजली दोनों की आपूर्ति के लिए अडानी समूह की बोली महाराष्ट्र द्वारा फिलहाल खरीदी जा रही बिजली की दर से एक रुपये यूनिट कम है. इससे राज्य को भविष्य की बिजली जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी. आशय पत्र (एलओआई) जारी होने की तारीख से 48 माह में बिजली की आपूर्ति शुरू होनी है. 

बोली शर्तों के अनुसार, अडानी पावर पूरी आपूर्ति अवधि के दौरान सौर बिजली की आपूर्ति 2.70 रुपये प्रति यूनिट की दर पर करेगी. वहीं कोयले से उत्पादित बिजली का दाम कोयला कीमतों के आधार पर निर्धारित (इंडेक्स्ड) किया जाएगा. 

6600 MW बिजली सप्लाई की जरूरत

महाराष्ट्र राज्य बिजली वितरण कंपनी ने मार्च में सूरज की रोशनी से उत्पन्न 5000 मेगावाट बिजली और कोयले से उत्पन्न 1600 मेगावाट बिजली की खरीद के लिए अलग से टेंडर निकाली थी. इसे लोकसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले जारी किया गया था और राज्य में विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले इसे अडानी को दे दिया गया है. 

इस टेंडर में बिजी समय में बिजली की मांग को पूरा करने के लिए सौर ऊर्जा और ताप बिजली दोनों की आपूर्ति शामिल है. सूत्रों के मुताबिक, अडानी पावर ने टेंडर जीतने के लिए 4.08 रुपये प्रति यूनिट की बोली लगाई. 

JSW दूसरे स्थान पर रही

वहीं, दूसरी सबसे कम बोली 4.36 रुपये प्रति यूनिट जेएसडब्ल्यू एनर्जी की थी. यह महाराष्ट्र में पिछले साल खरीदी गई औसत बिजली कीमत 4.70 रुपये प्रति यूनिट से कम है. महाराष्ट्र बिजली नियामक आयोग (एमईआरसी) ने 2024-25 के लिए बिजली खरीद की औसत कीमत 4.97 रुपये प्रति यूनिट तय की है. इस तरह अडानी द्वारा लगाई गई बोली इससे एक रुपये प्रति यूनिट के करीब कम है. 

कुल मिलाकर चार कंपनियों ने 25 साल के लिए बिजली आपूर्ति की निविदा में भाग लिया. देश की निजी क्षेत्र की सबसे बड़ा ताप बिजली उत्पादक अडानी पावर की उत्पादन क्षमता 17 गीगावाट से अधिक है, जो 2030 तक बढ़कर 31 गीगावाट हो जाएगी. इसकी सहयोगी कंपनी, अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड 11 गीगावाट की उत्पादन क्षमता के साथ देश की सबसे बड़ी नवीकरणीय ऊर्जा कंपनी है. इसे 2030 तक बढ़ाकर 50 गीगावाट करने का लक्ष्य है.

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