Vastu Tips: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ का विशेष महत्व है. सभी देवी-देवताओं की विधि-विधान से अलग-अलग दिनों पर पूजा की जाती है. वहीं भक्त संकष्टी, एकादशी, श्रावण, नवरात्रि और रामनवमी के दौरान व्रत भी रखते हैं. वास्तु शास्त्र में पूजा-पथ को लेकर कुछ खास नियम हैं जिसको करने से आपकी पूजा शुभ होती है और आपको मनवांछित फल की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं कि ये दिशाएं कौन सी हैं.
क्या है पूजा की सही दिशा?
- वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूजा करते समय जातक का मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए. इनमें पूर्व दिशा की ओर मुख करके पूजा करना श्रेष्ठ माना गया है. यह दिशा शक्ति और शौर्य का प्रतीक है.
- पूजा में पूर्व की ओर मुख करके बैठना ज्ञान प्राप्ति के लिए अच्छा माना जाता है. इस दिशा में बैठकर पूजा-अर्चना करने से शक्ति और ऊर्जा मिलती है.
- इस दिशा में पूजा स्थल होने से घर में रहने वालों को सुख, शांति, धन और समृद्वि की प्राप्ति होती है.
इस दिशा में बनाएं पूजा स्थान
- घर में पूजा का स्थान उत्तर-पूर्व दिशा में बनाना चाहिए। वास्तु के अनुसार यह दिशा शुभ मानी जाती है.
- साथ ही घर के अंदर रखे मंदिर की ऊंचाई उसकी चौड़ाई से दोगुनी होनी चाहिए.
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- घर के अंदर बने पूजा घर के सामने बाथरूम नहीं होना चाहिए, घर बनवाते समय इस बात का खास ध्यान रखें.
- साथ ही घर की सीढ़ी के नीचे पूजा घर न बनाएं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)