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Chaitra Navratri 2023: इन मंदिरों में दर्शन कर अधूरी नहीं रहती कोई मुराद, माता रानी भर देती हैं सबकी झोली

Mata Rani Famous Temple: इस नवरात्रि आपको देवी मां के इन 10 प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन जरूर करने चाहिए. मान्यता है कि इन मंदिरों में दर्शन करने से आपकी कोई भी मनोकामना अधूरी नहीं रहती है. 

माता रानी के प्रसिद्ध मंदिर
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Zee News Desk|Updated: Mar 20, 2023, 07:00 PM IST

Chaitra Navratri 2023: इस वर्ष चैत्र नवरात्रि 22 मार्च से शुरू हो रही हैं. नवरात्रि में भक्तों की यही कोशिश होती है कि वह मां के प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन करें और वहां पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त करें. नवरात्रि के दौरान माता रानी के सभी मंदिरों में श्रद्धालुओं का जमवाड़ा लगता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, साल में 4 बार नवरात्रि आती हैं. इसमें पहली नवरात्रि चैत्र नवरात्रि होती हैं. हिंदू नववर्ष की शुरुआत इसी दिन से होती है. मां की भक्ति में लीन होने के लिए और शुभ फल प्राप्ति के लिए इस नवरात्रि आपको देवी मां के इन 10 प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन जरूर करने चाहिए. मान्यता है कि इन मंदिरों में दर्शन करने से आपकी कोई भी मनोकामना अधूरी नहीं रहती है. 

1. तारा देवी मंदिर

यह मंदिर 250 साल पुराना है. यह हिमाचल प्रदेश के शिमला में स्थित है. मान्यता है कि तारादेवी मंदिर राजा भूपेंद्र सेन ने मां का मंदिर बनवाया था. ऐसा माना जाता है कि एक बार भूपेंद्र सेन तारादेवी के घने जंगलों में शिकार खेलने गए थे और उस दौरान उन्हें मां तारा और भगवान हनुमान के दर्शन हुए.  मां तारा ने इच्छा जताई कि वह इस स्थल में बसना चाहती हैं ताकि भक्त यहां आकर आसानी से उनके दर्शन कर सके. तब राजा ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था.

2. चामुण्डा देवी

यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में है. चामुण्डा मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक शक्तिपीठ है. मान्यता है कि चामुण्डा देवी मंदिर में माता सती के चरण गिरे थे.  देश के कोने-कोने से भक्त यहां पर आकर माता का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. चामुण्डा देवी मंदिर मुख्यता माता काली को समर्पित है. माता काली ने जब असुर चण्ड-मुण्ड के संहार करने के कारण माता का नाम चामुण्डा पड़ गया.

3. मनसा देवी

मनसा देवी को भगवान शिव की मानस पुत्री के रूप में पूजा जाता है. इनका प्रादुर्भाव मस्तक से हुआ है इसलिए इनका नाम मनसा पड़ा. इसके साथ ही इन्हें नागराज वासुकी की बहन के रूप में भी पूजा जाता है. यह मंदिर हरिद्वार की ऊंची चोटी पर स्थित है. यह देवी मां का प्रसिद्ध और चमत्कारिक मंदिर है. नवरात्रि पर यहां विशेष पूजा-अर्चना होती है. यहां दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं.

4. कालीपीठ मंदिर

51 शक्तिपीठ में कालीपीठ शक्तिपीठ का खास महत्व है. कोलकाता में कालीघाट पर देवी काली का प्रसिद्ध मंदिर कालीपीठ है.  मां काली के चार रूप है- दक्षिणा काली, शमशान काली, मातृ काली और महाकाली. पश्चिम बंगाल कोलकाता के कालीघाट में माता के बाएं पैर का अंगूठा गिरा था.  इसे दक्षिणेश्वर काली मंदिर कहते हैं. रामकृष्ण परहंस इसी काली मंदिर में पूजा किया करते थे. 

5. कामाख्या देवी मंदिर

51 शक्तिपीठ में कामाख्या देवी शक्तिपीठ का भी अहम महत्व है. यह असम में नीलाचल पहाड़ी की चोटी पर स्थित है. मान्यता है कि यहां माता सती की योनि गिरी थी. इसलिए यहां पर माता की योनि स्वरूप की पूजा की जाती है. 

6. ज्वाला देवी

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में स्थित मां का यह मंदिर बहुत ही सिद्ध है. देशभर से श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं. ज्वाला देवी में देवी सती की जीभ गिरी थी और इस स्थान पर आदि काल से ही पृथ्वी के भीतर से कई अग्नि निकल रही है. कहा जाता है कि यह अग्नि कभी शांत नहीं होती. इस नवरात्रि मां के दर्शन के लिए यह मंदिर भी एक अच्छा विकल्प है. 

7. नैना देवी

विश्व विख्यात शक्ति पीठ श्री नैना देवी 51 शक्तिपीठों में से एक है और कहा जाता है कि यहां पर माता सती के नेत्र गिरे थे इसलिए इस मंदिर का नाम श्री नैना देवी पड़ा. यह मंदिर उत्तराखंड के मल्लीताल की मनोरम घाटियों में स्थित है. कहा जाता है कि किसी वक्त में यहां पर ऋषि अत्रि, पुलस्त्य और पुलह की साधाना स्थली थी. 

8. झंडेवाला मंदिर

दिल्ली में करोल बाग में स्थित झंडेवालान मंदिर भी काफी प्रसिद्ध है. यह सिद्धपीठ मंदिर 100 साल से भी ज्यादा पुराना है. मंदिर के इतिहास की बात करें तो 100 साल से भी पहले दिल्ली के एक व्यापारी श्री बद्री भगत को सपने में माता ने दर्शन दिए थे और कहा था कि इस बंजर जमीन में तुम्हें मेरी मूर्ति मिलेगी, जिस जगह मेरी मूर्ति होगी वहां एक झंडा होगा. बद्री भगत ने जब मूर्ति ढूंढी तो इसी जगह उन्हें झंडे के नीचे माता की मूर्ति मिली. तब से उन्होंने यहां मूर्ति की स्थापना की और इस मंदिर का नाम झंडेवाला मंदिर पड़ा. 

9. कालकाजी मंदिर 

कालकाजी मंदिर दिल्ली में स्थित मां काली का प्रसिद्ध मंदिर है. प्रचलित मान्यता के अनुसार कालकाजी मंदिर 3000 वर्ष से अधिक पुराना है. महाभारत काल के दौरान, पांडव और कौरव इस मंदिर में देवी काली की पूजा करने आए थे.  

10. वैष्णो देवी मंदिर

नवरात्री के दौरान वैष्णो देवी के दरबार जाना बहुत ही शुभ माना जाता है. नवरात्रि पर देश के कोने-कोने से श्रद्धालु वैष्णो देवी के दर्शन के लिए जाते हैं. यह मंदिर समुद्र तल से लगभग 15 हजार से भी ज्यादा मीटर की ऊंचाई पर त्रिकुट पहाड़ियों में स्थित है. यह मंदिर जम्मू-कश्मीर के कटरा में स्थित है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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