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Seat Belt: कभी गलती से हो गया था सीट बेल्ट का आविष्कार, आज बचाती है लाखों की जान

Seat Belt Invention: कार ड्राइव करते समय क्या आपने कभी सोचा है कि सेफ्टी के लिहाज से पहने जाने वाली सीट बेल्ट कैसे और किसने बनाई होगी. आप सोच रहे होंगे कि ये बात तो कभी जेहन में आई ही नहीं तो चलिए बताते हैं कि सीट बेल्ट का आविष्कार कब और कैसे हुआ.

फाइल फोटो
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Zee News Desk|Updated: Jul 10, 2022, 04:50 PM IST

Car Seat Belt Invention: सीट बेल्ट वाहनों में सुरक्षा के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हुई हैं. राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात सुरक्षा प्रशासन (NHTSA) द्वारा 2017 के आंकड़ों के अनुसार, मोटर वाहन दुर्घटनाओं में 47 प्रतिशत लोगों की जान बचाई जा सकती थी, अगर ड्राइवर और यात्रियों ने सीट बेल्ट पहनी हो. सीट बेल्ट को जीवन-रक्षक आविष्कार के तौर पर खारिज नहीं किया जा सकता है. वहीं, अगर आप सोच रहे हैं कि यह सरल आविष्कार कैसे अस्तित्व में आया और सीट बेल्ट का उपयोग करने वाली पहली कार कौन सी थी, तो हमारे पास आपके लिए जवाब है.

19वीं शताब्दी में हुआ पहली बार इस्तेमाल

Slash Gear की रिपोर्ट के मुताबिक, सीट बेल्ट का पहला इस्तेमाल 19वीं शताब्दी के मध्य में हुआ. इंजीनियर और विमानन अग्रणी सर जॉर्ज केली को सीट बेल्ट का आविष्कार करने के लिए जाना जाता है. केली की सीट बेल्ट का आविष्कार ग्लाइडरों के लिए किया गया था, ताकि पायलटों को उड़ानों के दौरान सुरक्षित रखा जा सके. हालांकि, बाद में धीरे-धीरे इसका इस्तेमाल कार के लिए किया जाने लगा. ये भी कहा जाता है कि वर्ष 1849 में एक कार में सेफ्टी हार्नेस या बेल्ट का उपयोग किया था, लेकिन इसके कोई सबूत नहीं हैं.

पहला पेटेंटे 1885 में मिला

सीट बेल्ट के लिए पहला पेटेंट 1885 में अमेरिका में एडवर्ड जे क्लैघोर्न को दिया गया था. क्लैगॉर्न का आविष्कार विशेष रूप से न्यूयॉर्क की टैक्सियों में यात्रियों की सुरक्षा के लिए किया गया था. हालांकि, यह उस समय आज के सीट बेल्ट की तरह नहीं था. इसको मजाक-मजाक में बना लिया गया था. यह सीट बेल्ट शुरुआत में कोंटरापशन हुक के साथ आया था.

1922 में रेसिंग कार में इस्तेमाल

आने वाले दशकों में, विमानों में टू पाइंट सीट बेल्ट और गोद बेल्ट का इस्तेमाल होने लगा. उड़ानों के दौरान अभी भी यात्रियों के लिए  लैप बेल्ट का इस्तेमाल  होता है. कार चालक द्वारा पहली बार सीट बेल्ट का प्रयोग 1922 में किया गया था, जब एक प्रसिद्ध इंडियानापोलिस 500 रेसर, बार्नी ओल्डफील्ड ने एक पैराशूट कंपनी को अपनी रेस कार के लिए सुरक्षा उपाय करने के लिए कहा था. लेस्ली लेरॉय इरविन के स्वामित्व वाली इरविन एयर च्यूट कंपनी, जिसे पैराशूट का उपयोग करके पहली फ्री-फॉल जंप पूरा करने का श्रेय दिया जाता है, को असाइनमेंट दिया गया था. इसके बाद 1954 तक स्पोर्ट्स कार क्लब ऑफ अमेरिका ने रेसिंग इवेंट में सीट बेल्ट को अनिवार्य कर दिया था.

नैश कंपनी ने 1949 में कार में दी सुविधा

1949 में वैकल्पिक सुविधा के रूप में सीट बेल्ट की पेशकश करने वाली पहली अमेरिकी कार कंपनी नैश बनी. हालांकि, शुरुआत में नैश के केवल कुछ हज़ार खरीदार ही इसका इस्तेमाल कर रहे थे. 1955 में, Ford ने वैकल्पिक सीट बेल्ट की पेशकश शुरू की, लेकिन, एक बार फिर, केवल कुछ ही यूजर्स मिले। उसी वर्ष, रोजर डब्ल्यू ग्रिसवॉल्ड और ह्यूग डेहेवन ने एक थ्री पाइंट सीट बेल्ट का पेटेंट कराया, जो एक लैप बेल्ट थी, जो कंधे के चारों ओर जाती थी.

1958 में बनी आधुनिक सीट बेल्ट

वहीं, आज जिस थ्री पाइंट सीट बेल्ट का हम इस्तेमाल करते हैं, उसको पहली बार 1958 में वोल्वो डिजाइनर निल्स बोहलिन द्वारा पेश किया गया था. बताया जाता है कि वॉल्वो के तत्कालीन सीईओ के एक रिश्तेदार की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी. इसके बाद वॉल्वो ने अपनी कारों में सीट बेल्ट को अनिवार्य बना दिया था.
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