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Car Price Hike: कार खरीदने की कर रहे हैं प्‍लानिंग? जल्‍दी करें, बढ़ने जा रही हैं कीमतें

BS6 Second Phase: अगर आप नई कार खरीदने के बारे में सोच रहे हैं तो थोड़ा जल्दी खरीद लें क्योंकि कुछ समय बाद कार की कीमतों में उछाल आने के आसार हैं.

कारों की कीमत
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Zee News Desk|Updated: Oct 10, 2022, 09:51 AM IST

Cars Price Hike 2023: कार खरीदने की चाह रखने वालों के लिए मायूसी भरी खबर है. बीएस-6 का दूसरा चरण लागू किए जाने की योजना है, अगर यह लागू होता है तो चार पहिया वाहनों की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है. ऐसे में अगर आप कार खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं तो कीमतों के बढ़ने से पहले ही कार खरीदना फायदेमंद होगा. दरअसल, नए वित्त वर्ष से देश में बीएस-6 का दूसरा चरण लागू किया जा सकता है. इसके लिए कार निर्माता कंपनियों को गाड़ी में कुछ मॉडिफिकेशन्स करने पड़ सकते हैं, जिससे कार की कीमतों पर असर पड़ेगा. इसीलिए, ऐसा अनुमान है कि भारत में अप्रैल (नए वित्त वर्ष) से कारों की कीमतें बढ़ सकती है.

प्रदूषण रोकने के लिए कारों में होंगे मॉडिफिकेशन

उत्सर्जन मानकों पर खरा उतरने के लिए कारों में नए मोडिफिकेशन होंगे. प्रदूषण पर नजर बनाए रखने के लिए कारों में नए उपकरण लगाए जाएंगे. नए डिवाइस कार के एमिशन लेवल, कैटेलिक कन्वर्टर और ऑक्सीजन सेंसर जैसे कई अहम हिस्सों पर नजर रखेगा. हर वाहन का एमिशन लेवल यानी उत्सर्जन स्तर तय की गई लिमिट से अधिक होते ही वाहनों में वार्निंग लाइट जलने लगेगी. वार्निंग लाइट से पता चल जाएगा कि वाहन की सर्विस कराने का वक्त आ गया है.

इसके अलावा वाहन में खर्च होने वाले ईंधन (Fuel) के स्तर पर काबू रखने के लिए वाहनों में एक प्रोग्राम्ड फ्यूल इंजेक्टर भी लगाया जाएगा. यह उपकरण इंजन में भेजे जाने वाले फ्यूल (पेट्रोल और डीजल) की मात्रा और उसकी टाइमिंग पर भी नजर रखेगा. एक्सपर्ट्स का कहना है कि वाहनों में इस्तेमाल होने वाले सेमीकंडक्टर चिप को भी इंजन के टेंपरेचर पर नजर बनाए रखने के लिए मोडिफाई करना होगा.

एक्सपर्ट्स की राय

इक्रा रेटिंग्स (ICRA Ratings) के उपाध्यक्ष रोहन कंवर गुप्ता ने कारों की कीमतों में होने वाली बढ़ोतरी को लेकर कहा कि नए मानकों के लागू होने से वाहनों की कुल कीमत में थोड़ी बढ़ोतरी होने की संभावना है. हालांकि, यह बढ़ोतरी बीएस-4 से बीएस-6 चरण की तरफ बढ़ते समय हुई बढ़ोतरी की तुलना में कम होगी. उन्होंने कहा कि कंपनियों के निवेश का बड़ा हिस्सा वाहन में उत्सर्जन पहचान उपकरण लगाने के साथ सॉफ्टवेयर के मोडिफिकेशन में लगेगा. उन्होंने कहा कि बीएस-6 के पहले चरण की तुलना में दूसरे चरण में लगने वाला खर्च कम होगा.

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