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गोचर: आजीविका के क्षेत्र में किए गए प्रयास रंग लाएंगे..आमदनी के नए स्रोत, प्रेम में उतार चढ़ाव

केतु के कन्या राशि में गोचर करने के साथ ही वृश्चिक राशि के लोगों को आजीविका के क्षेत्र में पहले से किए गए प्रयास अब रंग लाएंगे, आर्थिक स्थिति अब पहले की अपेक्षा कुछ बेहतर होगी. यदि आप मेहनत करेंगे तो आपकी दबी हुई इच्छा भी पूरी होगी.

गोचर: आजीविका के क्षेत्र में किए गए प्रयास रंग लाएंगे..आमदनी के नए स्रोत, प्रेम में उतार चढ़ाव
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Shilpa Rana|Updated: Oct 27, 2023, 10:14 PM IST

अंतरिक्ष में ग्रह विभिन्न राशियों में अपनी गति के अनुसार भ्रमण करते रहते हैं. इसी सिलसिले में केतु ग्रह 30 अक्टूबर को कन्या राशि में प्रवेश करेगा और फिर यहां पर 18 माह तक रहेगा. केतु ग्रह के मार्च 2025 तक कन्या राशि में रुकने का प्रभाव सभी राशियों पर कम या अधिक पड़ेगा. आइए जानते हैं वृश्चिक राशि के लोगों के करियर, कारोबार, परिवार और सेहत के मामले में कैसा प्रभाव पड़ने वाला है.  

जहां तक पारिवारिक जीवन का सवाल है, निजी संबंधों में तनाव बढ़ेंगे तो कुछ समय बाद स्वतः ही खत्म भी हो जाएंगे. जिसे लेकर आपको बहुत ज्यादा परेशान नहीं होना है. संतान का ध्यान रखें, उनसे  बात करके उनकी मनोदशा को जानने और समझने का प्रयास करें. उन्हें आपके सपोर्ट की जरूरत पड़ सकती है. घर की छोटी छोटी बातों से परेशान होकर आप गहन विचारों में खो सकते हैं, जो कहीं न कहीं डिप्रेशन की समस्या भी हो सकती है.

केतु के कन्या राशि में गोचर करने के साथ ही वृश्चिक राशि के लोगों को आजीविका के क्षेत्र में पहले से किए गए प्रयास अब रंग लाएंगे, आर्थिक स्थिति अब पहले की अपेक्षा कुछ बेहतर होगी. यदि आप मेहनत करेंगे तो आपकी दबी हुई इच्छा भी पूरी होगी.

कारोबार में व्यापारियों को आय के नए स्रोत मिलेंगे जो अपेक्षित मुनाफा भी देंगे. लेकिन इसी के साथ आपके खर्चे भी इतने अधिक बढ़ जाएंगे कि पहले से की गयी सेविंग भी इस दौरान खर्च हो सकती है.  व्यापारियों को नई कार्यप्रणाली को अपनाने के साथ पुरानी कार्यप्रणाली में भी सुधार के लिए विचार बनाना चाहिए.

युवाओं को प्रेम संबंधों में भी उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है. बहुत संभल कर रिश्ते को आगे बढ़ाना चाहिए नहीं तो इस उतार चढ़ाव में संबंधों में इतनी अधिक दूरी भी बढ़ सकती है कि बाद में संभालना मुश्किल हो जाएगा. 

सेहत में अनिद्रा के शिकार होने की समस्या से बचाव करना चाहिए, पूरी नींद न आने से कई रोगों के पनपने की आशंका बनी रहती है. नेत्र पीड़ा  से संबंधित  समस्याएं हो सकती हैं. आध्यात्मिक क्रियाओं के प्रति झुकाव बढ़ेगा. दिनचर्या में मेडिटेशन, ध्यान, प्राणायाम  को जोड़ने से स्वास्थ्य को लाभ मिलेगा

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