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पूजा-पाठ करने के बाद भी खत्‍म नहीं हो रही परेशानियां? जान लें वजह

Puja Path Tips: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ का विशेष महत्‍व है. लोग रोजाना घर में सुबह-शाम पूजा-पाठ करते हैं. लेकिन लंबे समय तक पूजा-अर्चना करने के बाद भी कई बार देवी-देवताओं की कृपा ना हो, उसके कारण जान लें. 

पूजा-पाठ करने के बाद भी खत्‍म नहीं हो रही परेशानियां? जान लें वजह
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Shraddha Jain|Updated: Sep 27, 2023, 12:07 PM IST

Puja Path Rules: नियमित पूजा-पाठ करने से घर में सुख शांति और सकारात्मकता रहती है. देवी-देवताओं की कृपा होती है, जीवन में सफलता-समृद्धि मिलती है. इसलिए लोग धार्मिक अनुष्ठान और दान पुण्य करते रहते हैं. हालांकि कई लोगों की शिकायत रहती है कि उन्हें नियमित रूप से पूजा-पाठ करने का विशेष लाभ नहीं मिलता है. उनकी मनोकामनाएं पूरी नहीं होती हैं या उनके साथ जीवन में कुछ अच्‍छा नहीं होता है. ऐसी स्थितियां अगर हों तो उसके पीछे के कारण जान लेने चाहिए. 

नियमों की अनदेखी है वजह 

पूजा-पाठ का सही तरह से करना बहुत जरूरी है, वरना पूजा-पाठ का फल नहीं मिलता है. बल्कि पूजा-पाठ में कोई गलती हो जाए तो देवी-देवता नाराज भी हो सकते हैं. यदि आपके रोजाना पूजा-पाठ करने के बाद भी घर में अशांति, आर्थिक तंगी, दुख, कष्‍ट हैं या घर के लोगों को कामयाबी नहीं मिल रही है तो कुछ बातों की जांच करें. क्‍योंकि पूजा में हो रही ये गलतियां फल पाने में बाधा बनती हैं. 

वास्‍तु दोष: यदि मंदिर की दिशा या घर में पूजा-पाठ करने की दिशा गलत हो या वास्‍तु के अनुसार ना हो तो पूजा का पूरा फल नहीं मिलता है. इसलिए घर में मंदिर का दिशा दिशा में और वास्‍तु के अनुसार होना जरूरी है. 

गंदगी: पूजा बहुत ही पवित्र कार्य होता है. पूजा करने के स्‍थल से लेकर पूजा में उपयोग होने वाली सामग्री और पूजा करने वाले व्‍यक्ति की स्‍वच्‍छता, पवित्रता का ध्‍यान रखना जरूरी है. पूजा के मामले में अशुद्धि या गंदगी का होना, कपड़े गंदे होना या शरीर गंदा होना देवी-देवताओं को नाराज कर देता है. ये गलती ना केवल पूजा का फल पाने में बाधा बनती है, बल्कि दोष पैदा करती है. लिहाजा पूजा करते समय पवित्रता का बहुत ध्‍यान रखें. 

पूजा का समय: पूजा के लिए धर्म-शास्‍त्रों में सही समय बताया गया है. पूजा का सही समय सुबह ब्रह्म मुहूर्त और शाम 6 बजे तक माना गया है. इसके बाद पूजा करने से उसका फल नहीं मिलता है. शाम या रात में केवल निशिता काल मुहूर्त और प्रदोष काल में पूजा की जा सकती है. 

पूजा स्थल: पूजा हमेशा एकांत में करनी चाहिए और पूरे भक्तिभाव से करनी चाहिए. घर में पूजा घर कभी भी ऐसे स्थान पर ना बनाएं जहां आने-जाने वाले लोगों की उस पर नजर ना पड़े. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्‍य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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