Jaya Kishori की कथा सुनने लाखों की संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं. जया किशोरी भगवान कृष्ण की कथा सुनाते हुए कान्हा जी के परम मित्र उद्धव के बारे में बताती हैं. जया किशोरी ने बताया कि उद्धव भगवान कृष्ण के सबसे अच्छे मित्र थे. दिखने और ज्ञान के मामले में बिल्कुल कान्हा जी की तरह ही थे. उद्धव के लिए ज्ञान ही सबसे बड़ी साधना थी. जब दोनों साथ आते थे, तब यह बता पाना थोड़ा मुश्किल हो जाता था कि कौन प्रभु कृष्ण हैं और कौन उद्धव? हालांकि, प्रेम एक ऐसी चीज थी जो कृष्ण में मौजूद थी. जया किशोरी आगे कहती हैं, जब भगवान आपको पसंद करते हैं तो ईश्वर के गुण भी आपसे ही मिलने लगते हैं और एक वक्त ऐसा भी आता है, जब दोनों में कोई फर्क नहीं बचता है!
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