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Astro Tips: घर में रोटी बनाने को लेकर भी हैं ये खास नियम, इन 5 मौकों पर भूलकर भी न बनाएं चपाती

Roti Related Rules: किचन में रोटी सबसे अहम चीजों में से एक है. रोटी के लिए ही लोग दिन-रात खूब मेहनत करते हैं ताकि परिवार के पेट के लिए रोटी का इंतजाम कर सकें. लेकिन क्या आप जानते हैं ज्योतिष शास्त्र में रोटी को लेकर भी कुछ नियम बताए गए हैं.

 
फाइल फोटो
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Zee News Desk|Updated: Nov 23, 2022, 07:28 PM IST

Roti Bnane ke Niyam: किचन में अन्नपूर्णा माता की कृपा बनाए रखने के लिए व्यक्ति दिन-रात कड़ी मेहनत करता है. ताकि परिवार का पेट भर सके. तीन पहर की रोटी का इंतजाम कर सके. कहा जाता है कि रोटी के बिना व्यक्ति का भोजन अधूरा होता है. लेकिन रोटी बनाने को लेकर भी ज्योतिष शास्त्र में कुछ उपायों के बारे में बताया गया है. शास्त्रों में कुछ ऐसे मौकों का जिक्र किया गया है, जिनमें रोटी बनाना वर्जित माना गया है. आइए जानते हैं इन मौकों के बारे में. 

इन दिनों किचन में रोटी बनाना होता है मना

1. परिवार में किसी की मृत्यु होने पर 

शास्त्रों में हर चीज को लेकर कुछ नियम बनाए गए हैं. ऐसे ही रोटी बनाने को लेकर भी कई नियम बताए गए हैं. इसमें से एक घर में किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर रोटी बनाना भी शामिल है. कहते हैं कि अगर परिवार में किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो घर में रोटियां नहीं सेंकनी चाहिए.  तेहरवीं संस्कार के बाद ही रोटी सेंकनी चाहिए. ऐसा कहा जाता है कि अगर कोई ऐसा करता है, तो मृत इंसान के सूक्ष्म शरीर पर फफोले पड़ जाते हैं. 

2. नागपंचमी

शास्त्रों में लिखा है कि नागपंचमी के दिन भी  किचन में रोटी बनाने से परहेज करना चाहिए. इस दिन खीर, पूड़ी और हलवा जैसी चीजों को ही खाना चाहिए. कहते हैं कि नागपंचमी के दिन चूल्हे पर तवा रखने की मनाही होती है. तवे को नाग के फन का प्रतिरूप माना जाता है. इसलिए नागपंचमी पर तवा अग्नि पर नहीं रखना चाहिए.  

3. शीतलाष्टमी

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शीतलाष्टमी पर माता शीतला देवी की पूजा का विधान है. इस दिन मां को बासी खाने का भोग लगाने की मान्यता है. मां को भोग लगाने के साथ खुद भी बासी खाना ही खाया जाता है. इस दिन सूर्योदय से पहले ही माता को बासी खाने का भोग लगाया जाता है. और इसे ही प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है.

4. शरद पूर्णिमा

शास्त्रों के अनुसार शरद पूर्णिमा पर भी रोटी बनाने की मनाही है. इस दिन चंद्रमा 16 कलाओं से दक्ष होता है. इस दिन शाम के समय शरद पूर्णिमा की शाम को खीर बनाकर चांद की रोशनी में रखते हैं. इसे अगले दिन सुबह प्रसादके रूप में ग्रहण किया जाता है. चांद की रोशनी में रखी खीर खाने की परंपरा  होने के कारण उस दिन भी घर पर रोटी नहीं सेंकी जाती. 

5. मां लक्ष्मी के त्योहार

शास्त्रों में कहा गया है कि मां लक्ष्मी से संबंधित जो भी त्योहार होते हैं, उन दिनों में रोटी नहीं बनानी चाहिए. इनमें दिवाली का त्योहार मुख्य रूप से शामिल है. इस दिन सात्विक भोजन, पूरी और मिठाई आदि का ही सेवन किया जाता है. लेकिन इस दिन घर में रोटी सेंकने से बचना चाहिए.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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